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जब पाकिस्तान ने यमन में सऊदी युद्ध के लिए सेना भेजने से इनकार कर दिया था।
अफगानिस्तान में जारी खूनी संघर्ष के बीच सऊदी अरब के विदेश मंत्री पाकिस्तान के एक दिवसीय दौरे पर जाने वाले हैं। विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर पाकिस्तानी नेतृत्व के साथ बातचीत करने के लिए मंगलवार को इस्लामाबाद का दौरा करेंगे। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) के अनुसार सऊदी विदेश मंत्री के साथ सऊदी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी होगा। दोनों देशों के बीच लंब समय से चल रहे तनाव के माहौल को दूर करने को लेकर यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है।
अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के निमंत्रण पर सऊदी के विदेश मंत्री की यात्रा प्रधानमंत्री इमरान खान की मई में सऊदी अरब की यात्रा के बाद विशेष महत्व रखती है।
इस दौरे की अधिक जानकारी देते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालाय ने कहा कि दोनों विदेश मंत्री द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के सभी पहलुओं पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। सऊदी विदेश मंत्री यात्रा के दौरान अन्य गणमान्य व्यक्तियों से भी मुलाकात करेंगे। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह दोनों देशों के नेतृत्व के दृष्टिकोण के अनुरूप द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति की समीक्षा करने का समय पर अवसर प्रदान करेगा। मंत्रालय के अनुसार पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच लंबे समय से पुराने और ऐतिहासिक भाईचारे के संबंध हैं, जो समान विश्वास, साझा इतिहास और आपसी समर्थन में गहरे हैं। सऊदी विदेश मंत्री के दौरे को लेकर मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों के संबंध सभी क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग और क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर आपसी सहयोग से चिह्नित हैं।
बता दें कि 2015 के बाद से विभिन्न कारणों से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध तनाव में आ गए थे, जब पाकिस्तान ने यमन में सऊदी युद्ध के लिए सेना भेजने से इनकार कर दिया था।
गौरतलब है कि सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच यह उच्च स्तरीय बैठक पड़ोसी देश अफगानिस्तान में अस्थिर स्थिरता के बीच होगी। अगस्त के अंत तक अमेरिका अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से पूरी तरह से पीछे हटने का एलान कर चुका है।
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