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सऊदी अरब ने भारत समेत एशिया के अपने कई ग्राहक देशों के लिए तेल की कीमतों में किया इजाफा, जानें- क्यों लिया यह फैसला

Neha Dani
4 Jun 2021 7:29 AM GMT
सऊदी अरब ने भारत समेत एशिया के अपने कई ग्राहक देशों के लिए तेल की कीमतों में किया इजाफा, जानें- क्यों लिया यह फैसला
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ग्लोबल डिमांड को पूरा करने के लिए हमेशा बेहतर सप्लाई रहेगी।

सऊदी अरब ने भारत समेत एशिया के अपने कई ग्राहक देशों के लिए तेल की कीमतों में इजाफा कर दिया है। कच्चे तेल की कीमत ७० डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंचने और इस साल की सप्लाई में इजाफा होने की ओपेक की भविष्यवाणी के बाद सऊदी अरब ने यह फैसला लिया है। सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको ने एशिया के अपने ग्राहकों के लिए जुलाई की शिपमेंट की कीमतों में 10 सेंट से लेकर 1.90 डॉलर तक का इजाफा किया है। सऊदी अरब की ओर से कीमतों में की गई यह बढ़ोतरी उम्मीद से ज्यादा है। इससे पहले ब्लूमबर्ग के सर्वे में यह इजाफा सिर्फ 10 सेंट तक ही रहने का अनुमान जताया गया था।

सऊदी अरब अपनी कुल तेल सप्लाई का 60 फीसदी हिस्सा एशियाई देशों को ही निर्यात करता है। एशिया में भी चीन, भारत, दक्षिण कोरिया और जापान ही उसके बड़े ग्राहक हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने सऊदी अरब ने हर दिन 6.1 मिलियन बैरल कच्चे तेल की प्रतिदिन सप्लाई की थी। इससे पहले सऊदी अरब ने जून की सप्लाई के लिए दामों में कटौती की थी। इसकी वजह यह भी थी कि भारत में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते पाबंदियां बढ़ गई थीं और तेल की डिमांड में कमी देखने को मिली थी। भारत समेत जापान और मलेशिया जैसे एशियाई देश अब भी कोरोना संकट से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

इस बीच तेल निर्यातक देशों के समूह ओपेक ने अनुमान जताया है कि अगस्त तक उसके पास जमा तेल का स्टॉक कम होने लगेगा। इसकी वजह यह है कि दुनिया भर में कारोबार पटरी पर लौट सकता है। इस बीच सऊदी अरब और रूस की लीडरशिप वाले 23 देशों के समूह का कहना है कि उनकी ओर से जून और जुलाई में सप्लाई बढ़ाई जा सकती है। सऊदी अरब के एनर्जी मिनिस्टर प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान ने गुरुवार को रूस में एक फोरम में कहा कि ग्लोबल डिमांड को पूरा करने के लिए हमेशा बेहतर सप्लाई रहेगी।

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