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जो बाइडेन ने अपनी सरकार के आते ही अमेरिका को यमन युद्ध से बाहर कर लिया.
ईरान समर्थिक हूती विद्रोही (Houthi Rebels) लगातार सऊदी अरब को निशाने पर ले रहे हैं. अब इन्होंने देश के तेल समृद्ध पूर्वी क्षेत्र और दक्षिण में स्थित नाजरन और जाजन शहर को निशाना बनाते हुए कम से कम तीन मिसाइल दागीं. इन मिसाइलों को हवा में ही रोक दिया गया, लेकिन इनके नष्ट होने के बाद जो मलबा जमीन पर गिरा, उसमें दो बच्चे घायल हो गए हैं और कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है. अभी तक हूती विद्रोहियों ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन सरकार का कहना है कि इसी चरमपंथी समूह ने ये हमला किया है.
जानकारी के मुताबिक, मलबा रविवार को दम्माम शहर के पास वाले इलाके में गिरा है. जिससे बच्चे घायल हो गए. सऊदी अरब की सरकारी समाचार एजेंसी का कहना है कि हमले के कारण इलाके के कम से कम 14 घरों को नुकसान पहुंचा है. वहीं मामले में सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल तुर्की अल-मल्की (Brig. Gen. Turki al-Malki) का कहना है कि हूतियों ने बम से लदे तीन ड्रोन और तीन बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया था. जिसके बाद धारान स्थित अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए अलर्ट जारी कर दिया. जिसमें बताया गया है कि हूती विद्रोही धारान, दम्माम और खोबर को निशाने पर लेना चाहते थे.
सऊदी अरब पर लगातार हो रहे हमले
हूती विद्रोहियों ने बीते दिनों यमन में स्थित उस बडे़ सैन्य बेस पर हमला किया था, जो सऊदी के नेतृत्व वाली गठबंधन सेना का है. उसमें कम से कम 30 सैनिकों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हुए. इसके बाद फिर यमन के मारिब पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया गया, जिसमें 48 घंटे के भीतर कम से कम 65 लोगों की मौत हो गई है (Saudi Arabia and Houthi Rebels). ऐसा पहली बार नहीं है, जब सऊदी को निशाने पर लिया गया है, बल्कि इससे पहले भी उसके तेल समृद्ध इलाकों और कंपनियों को हूती के हमलों का सामना करना पड़ा है.
क्यों सऊदी अरब पर हमले कर रहा है हूती?
यमन में साल 2014 में राजधानी सना पर हूती विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया था. उसे ईरान का समर्थन प्राप्त है. सऊदी अरब यमन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार का समर्थन कर रहा है और हूती के खिलाफ उसकी गठबंधन सेना लड़ रही है. इसके अलावा सऊदी अरब ने ही सीजफायर या किसी बातचीत से पहले सना एयरपोर्ट को भी बंद किया हुआ है. हूती विद्रोहियों की मांग है कि सऊदी अरब इस एयरपोर्ट को खोले (Reason on Yemen War). और इसी वजह से वो लगातार सऊदी अरब को निशाने पर ले रहा है. पहले अमेरिका भी इस लड़ाई में सऊदी का साथ दे रहा था लेकिन जो बाइडेन ने अपनी सरकार के आते ही अमेरिका को यमन युद्ध से बाहर कर लिया.
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