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बाइडन प्रशासन ज्यादा से ज्यादा अरब देशों को इस्राइल के साथ समझौता करने के लिए प्रेरित करने व मौजूदा समझौतों को मजबूती देने के लिए नए सिरे से जोर देने का आधार तैयार कर रहा है।
बाइडन प्रशासन ज्यादा से ज्यादा अरब देशों को इस्राइल के साथ समझौता करने के लिए प्रेरित करने व मौजूदा समझौतों को मजबूती देने के लिए नए सिरे से जोर देने का आधार तैयार कर रहा है।
इस मामले में बाइडन प्रशासन का रुख पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन से मेल खाता है। मौजूदा शासन में 'अब्राहम अकॉर्ड्स' को अपनाना बाइडन और डेमोक्रेटों द्वारा ट्रंप प्रशासन की नीति को जारी रखने का दुर्लभ मामला है।
माना जा रहा है कि इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने पिछले साल चार अरब देशों के साथ मिलकर जो समझौते किए उनके लिए अमेरिकी प्रभाव एवं प्रोत्साहनों को आगे रखकर पश्चिम एशिया में यहूदी देश के साथ अरब देशों की दुश्मनी व अलगाव कम हुआ था।
जबकि यह अलगाव 1948 में इस्राइल की स्थापना के बाद से ही जारी था। बाइडन प्रशासन ने इस्राइल के साथ रिश्ते सामान्य करने के लिए कई अन्य अरब सरकारों द्वारा समझौते किए जाने को अहम संभावना के रूप में देखा है।
हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने ऐसे देशों की पहचान उजागर करने से इनकार किया है जिनमें उन्हें संभावनाएं दिख रही हैं। समझा जाता है कि सूडान और ओमान भी संभवत: इन देशों में शामिल हो सकते हैं। हालांकि माना जा रहा है कि पिछले महीने गाजा पट्टी में हुए विनाशकारी युद्ध ने इन कूटनीतिक कोशिशों को बाधित करते हुए हालात जटिल बना दिए हैं।
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