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अमेरिका पर भड़का सऊदी अरब, खशोगी की हत्या के रिपोर्ट पर उठाए सवाल

Neha Dani
2 March 2021 11:29 AM GMT
अमेरिका पर भड़का सऊदी अरब, खशोगी की हत्या के रिपोर्ट पर उठाए सवाल
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हालांकि हत्याकांड में शहजादे की संलिप्तता से इनकार किया था.

Jamal Khashoggi murder case: अमेरिकी की खुफिया रिपोर्ट में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में सऊदी अरब के शहजादे (क्राउन प्रिंस) की भूमिका पर सवाल उठाने पर सऊदी अरब भड़क उठा है. सऊदी अरब के राजदूत ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट पर सवाल उठाए. इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ही जमाल खशोगी को 'पकड़ने या मारने' के ऑपरेशन को मंजूरी दी थी.

सऊदी अरब के राजदूत अब्दल्लाह अल-मौलिमी ने इस रिपोर्ट पर विरोध जताते हुए ट्वीट किया, 'विश्व के गंभीर मुद्दों के निपटारे के लिए हम सभी को आगे बढ़ना चाहिए.' उन्होंने कहा कि 'सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी' की नई रिपोर्ट 'हो सकता है, होना चाहिए तथा हुआ होगा पर आधारित है और संदेह के अलावा आरोप साबित करने में सक्षम नहीं है.' रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सऊदी अरब के शहजादे (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान ने इस्तांबुल में पत्रकार जमाल खशोगी को 'पकड़ने या मारने' के एक अभियान को मंजूरी दी थी.
बाइडेन प्रशासन ने जारी की थी रिपोर्ट
सऊदी अरब के असंतुष्ट पत्रकार की बर्बर हत्या से संबंधित यह रिपोर्ट अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने जारी की है. खुफिया अधिकारियों ने हालांकि यह नहीं कहा कि शहजादे मोहम्मद बिन सलमान ने अक्टूबर 2018 में खशोगी की हत्या का आदेश दिया था. चार पन्नों के दस्तावेज में कहा कि शहजादे का देश की सुरक्षा एवं खुफिया संगठनों पर पूर्ण नियंत्रण है. इस बात की संभावना नहीं है कि सऊदी अधिकारी इस प्रकृति का अभियान बिना शहजादे की इजाजत के चलाएं.
एक के बाद एक कई ट्वीट
अल-मौलिमी ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, 'शहजादे ने साहसपूर्वक नैतिक जिम्मेदारी ली, आरोपी को न्याय के दायरे में लाए और खुफिया संगठनों को सुधारने का संकल्प लिया. मामला बंद.' गौरतलब है कि खशोगी की दो अक्टूबर 2018 को तुर्की के इस्तांबुल शहर में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में मोहम्मद बिन सलमान से संबंधित लोगों ने हत्या कर दी थी. वह अमेरिका के वैध स्थायी निवासी थे और 'वाशिंगटन पोस्ट' अखबार में लेख लिखते थे और शहजादे की नीतियों के कटु आलोचक थे. खशोगी के शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए थे और उनके अवशेष कभी नहीं मिले. सऊदी अरब को आखिरकार मानना पड़ा कि खशोगी की हत्या गलती से हुई थी. हालांकि हत्याकांड में शहजादे की संलिप्तता से इनकार किया था.



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