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Saturn and Earth Closest: एक-दूसरे के करीब आए शनि और पृथ्वी, साल में एक बार होती है ये अद्भुत खगोलीय घटना

Rani Sahu
2 Aug 2021 10:16 AM GMT
Saturn and Earth Closest: एक-दूसरे के करीब आए शनि और पृथ्वी, साल में एक बार होती है ये अद्भुत खगोलीय घटना
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हमारे सौर मंंडल को शनि ग्रह जहां काफी खूबसूरत दिखता है, आज यही सबसे खूबसूरत ग्रह हमारी धरती के काफी नजदीक से गुजरा है

नई दिल्ली Saturn and Earth Closest। हमारे सौर मंंडल को शनि ग्रह जहां काफी खूबसूरत दिखता है, आज यही सबसे खूबसूरत ग्रह हमारी धरती के काफी नजदीक से गुजरा है। सावन माह का दूसरा सोमवार होने का साथ ही आज का दिन इस लिए भी खास है क्योंकि शनि ग्रह अब से कुछ देर पहले धरती की निकटतम दूरी से गुजरा है। अब से कुछ देर पहले 11.30 मिनट पर शनि ग्रह पृथ्वी (Saturn closet to Earth) के बेहद पास था। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस अद्भुत खगोलीय घटना को खुली आंखों से भी देखा जा सकता था। इस दौरान सूर्य की परिक्रमा करता हुआ शनि, पृथ्वी और सूर्य तीनों एक तरफ रहते हुए सीधी रेखा में रहे।

29.5 साल में सूर्य का एक चक्कर पूरा करता है शनि
हमारी धरती जहां सूर्य की परिक्रमा करने में करीब 365 दिन लगाती है, वहीं शनि ग्रह को सूर्य की एक पूर्ण परिक्रमा पूरी करने में लगभग 29.5 वर्ष लगते हैं। पठानी सामंत तारामंडल के उप निदेशक डॉक्टर सुवेंदु पटनायक ने बताया कि 'भारतीय समय के अनुसार सोमवार सुबह11.30 बजे, शनि और पृथ्वी एक-दूसरे के सबसे करीब रहे। भारत में ये दिन का समय रहा, जबकि दुनिया में जिन देशों में रात थी, वहां शनि ग्रह चमकते हुए तारे से समान दिखाई दे रहा था।
हर साल एक बार दिखता है ये अदभुत नजारा
गौरतलब है कि हर साल एक बार पृथ्वी और शनि अपने कक्ष में घूमते हुए एक-दूसरे के पास आ जाते हैं। 1 वर्ष और 13 दिनों के समय में शनि और धरती एक-दूसरे के सबसे करीब आते हैं। इससे पहले 20 जुलाई, 2020 को दोनों ग्रह काफी करीब आए थे, अब इसके बाद 14 अगस्त 2022 को एक बार फिर से अद्भुत नजारा देखा जा सकेगा।
120 करोड़ किमी की दूरी
जब दोनों ग्रह एक-दूसरे के बहुत करीब होते हैं तो दोनों ग्रहों के बीच औसत दूरी करीब 120 करोड़ किलोमीटर होती है। यह दूसरी धरती और शनि ग्रह की अधिकतम दूरी से 50 करोड़ किमी कम है, 6 महीने बाद होती है जब शनि पृथ्वी के दूसरी तरफ होगा, तब दोनों के बीच अधिकतम दूरी करीब 170 करोड़ किमी होगी। बीते साल 21 दिसंबर को अंतरिक्ष में एक दुर्लभ खगोलीय घटना देखने को मिला था। तब ऐसा लगा था मानो बृहस्पति और शनि एक दूसरे में समा गए हो। वे एक ही चमकीले तारे की तरह दिखाई दे रहे थे, जिसे संयोजन कहा जाता है। यह अद्भुत घटना 400 वर्षों के बाद हुई थी और कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्सों में आसानी से देखी गई गई।


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