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सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा, आर्कटिक की बर्फ में रूस छुपा रखा है विध्वंसक हथियार

Neha Dani
7 April 2021 9:14 AM GMT
सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा, आर्कटिक की बर्फ में रूस छुपा रखा है विध्वंसक हथियार
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इसीलिए इसे किसी निश्चित टार्गेट पर ही फायर किया जा सकता है।

ऐसा लग रहा है कि पूरी दुनिया में महाविनाशक हथियारों का जखीरा जमा करने की होड़ सी लगी है और दुनिया की महाशक्तियां इस काम में सबसे आगे है। रूस और अमेरिका में तनाव काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है और इन सबके बीच सैटेलाइट तस्वीरों में खुलासा हुआ है कि आर्कटिक की बर्फ में रूस ने महाविनाशक हथियारों का जखीरा जमा कर लिया है। सैटेलाइट तस्वीरों में खुलासा हुआ है कि आर्कटिक में रूस मे विध्वंसक हथियार के साथ बेहद खतरनाक मिलिट्री कैंप का निर्माण कर लिया है। (तस्वीर सौजन्य- सीएनएन)

आर्कटिक में परमाणु पनडुब्बियां
सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से अमेरिकन न्यूज पेपर सीएनएन ने खुलासा किया है कि रूस ने आर्कटिक की बर्फ में पल में दुश्मनों को नेस्त-नाबूत कर देने वाले हथियार जमा कर लिए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक रूसी नौसेना ने कुछ हफ्ते पहले आर्कटक में तीन बैलिस्टिक मिसाइल परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती की है। रूसी रक्षामंत्रालय ने बकायदा वीडियो जारी कर दुनिया को अपने महाविनाशक हथियारों के बारे में बताया है। सीएनएन की रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने आर्कटिक में अपने मिलिट्री बेस कैंप को काफी ज्यादा बढ़ा लिया है और रूस लगातार इस इलाके में अपने नये नये हथियारों की टेस्टिंग कर रहा है।
प्रमुख शिपिंग मार्ग खोलने की कोशिश
सीएनएन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आर्कटिक के उत्तरी तट को रूस पूरी तरह से सुरक्षित करना चाहता है साथ ही साथ यूरोप के लिए एक प्रमुख समुन्द्री मार्ग खोलने की भी कोशिश लगातार रूस की तरफ से की जा रही है। वहीं, रूसी हथियारों पर नजर रखने वाले रक्षा विशेषज्ञों को खास तौर पर पोसाइडन 2 एम 39 टारपीडो को लेकर काफी ज्यादा चिंता है। बताया जा रहा है कि पोसाइडन 2 एम 39 टारपीडो के डेवलपमेंट का नेतृत्व खुद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कर रहे हैं।
बेहद खतरनाक परमाणु टारपीडो
इसी साल फरवरी महीने में रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने इस टारपीडो के टेस्ट को लेकर कहा था कि ये टेस्ट टारपीडो का की स्टेज है। रिपोर्ट के मुताबिक ये टारपीडो मानवरहित स्टील्थ टारपीजो है और इसे एक परमाणु रिएक्टर के जरिए एनर्जी मिलती है। इसके जरिए किसी भी टार्गेट पर मिनटों में परमाणु हमला किया जा सकता है। रूस ने दावा किया है कि इस टारपीडो की मदद से रूस अपने दुश्मन के किसी भी टार्गेट पर कई मेगाटन के परमाणु हथियारों से हमला कर सकता है और दुश्मनों के समुन्द्री इलाकों में रेडियोएक्टिव तरंगों को फैलाया जा सकता है। इन रेडियोएक्टिव तरंगों से समंदर के किनारे सदियों तक जीव जंतु ना जन्म ले सकेंगे और ना ही यहां रह सकेंगे।
समंदर में रेडियोएक्टिव सुनामी
नवंबर 2020 में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के तत्कालीन सहायक सचिव क्रिस्टोफर ए फोर्ड ने कहा था कि पोसाइडन के रेडियोएक्टिव सुनामी के साथ अमेरिका के समुन्द्री इलाकों और समंदर के पास स्थित शहरों में घुसने के लिहाज से डिजाइन किया गया है। हथियार विशेषज्ञ मानते हैं कि रूस का ये हथियार वास्तविक और विनाशकारी है। सीएनएन से बात करते हुए नॉर्वे के खुफिया विभाग के प्रमुख वाइस एडमिरल नेल्स एंड्रियास स्टेंसोनेस ने कहा था कि उनकी एजेंसी ने पोसाइडन का आंकलन नये प्रकार के परमाणु हथियार के तौर पर किया है। इसका मतलब ये हुआ कि अगर कोई देश रूस के ऊपर न्यूक्लियर अटैक करता है तो रूस इन टारपीडो के जरिए फौरन उस देश पर जवाबी हमला कर सकता है। उन्होंने कहा कि ये न्यूक्लियर टारपीडो पोसाइडन रूस के स्टैटजिक सिस्टम का हिस्सा है, इसीलिए इसे किसी निश्चित टार्गेट पर ही फायर किया जा सकता है।


Neha Dani

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