के अवसर पर भारतीय बुनकर कला को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी तरह के पहले ‘साड़ी वॉकेथॉन’ के आयोजन की योजना बनाई है। वॉकेथॉन मध्य लंदन में आयोजित किया जाएगा। यह भारत में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस से एक दिन पहले यानी छह अगस्त को ट्राफलगर स्क्वायर से शुरू होकर पार्लियामेंट स्क्वायर पर संपन्न होगा। वॉकेथॉन में विविध रंगों की साड़ी पहनी करीब 500 महिलाएं भारत के विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करेंगी। उनके ब्रिटेन की राजधानी के अधिकांश प्रसिद्ध स्थलों से होकर गुजरने की संभावना है। ब्रिटिश वुमेन इन साड़ीज ग्रुप इस वॉकेथॉन का आयोजन इंस्पायरिंग इंडियन वुमेन (आईआईडब्ल्यू) के सहयोग से कर रहा है।
ब्रिटिश वुमेन इन साड़ीज ग्रुप की डॉ. दीप्ति जैन ने कहा, ‘‘आधुनिक भारतीय महिलाएं अपनी चहारदीवारी से बाहर निकलकर दुनिया को देखने में विश्वास करती हैं और वह परिधान की ताकत को फिर से परिभाषित करते हुए साड़ी में भी बहुत कुछ कर दिखाती हैं।’’ जैन ने कहा, ‘‘ब्रिटिश वुमेन इन साड़ीज महिलाओं का एक समूह है, जो हथकरघा साड़ियों को प्रदर्शित करने और भारत की अद्वितीय सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करने में गर्व महसूस करता है। यह एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो हमारी राष्ट्रीय विरासत को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित करना पसंद करता है और दुनियाभर में हर किसी को इन उत्कृष्ट साड़ियों की बुनाई के पीछे की मेहनत, हस्तकला और कलात्मकता से अवगत कराता है।’’
समूह ने पिछले साल जून में इंग्लैंड के बर्कशायर में रॉयल एस्कॉट घुड़दौड़ के दौरान महिला दिवस के लिए एक रंगीन साड़ी कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें भारतीय उपमहाद्वीप की सैकड़ों महिलाएं रंग-बिरंगी साड़ियों और पारंपरिक ब्रिटिश टोपी में नजर आई थीं। राष्ट्रीय हथकरघा दिवस हर साल सात अगस्त को भारत के हथकरघा-बुनाई समुदाय के सम्मान में मनाया जाता है। यह दिवस देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में इस समुदाय के योगदान पर प्रकाश डालता है।