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प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी की हालत में सुधार हुआ है। रुश्दी को वेंटीलेटर से भी हटा दिया गया है और वो अब बात भी कर रहे हैं। उन पर एक दिन पहले न्यूयॉर्क में हमला किया गया था। अमेरिकी प्राधिकारियों ने इस हमले को लक्षित, बिना उकसावे का और पूर्व नियोजित बताया। मुंबई में जन्मे विवादास्पद लेखक रुश्दी को 'द सैटेनिक वर्सेज' लिखने के बाद कई सालों तक इस्लामी चरमपंथियों से मौत की धमकियों का सामना करना पड़ा था। उन्हें न्यूजर्सी के 24-वर्षीय निवासी हादी मतार ने पश्चिमी न्यूयॉर्क राज्य में एक कार्यक्रम में चाकू मार दिया था।
चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन के अध्यक्ष माइकल हिल ने शनिवार रात को ट्वीट किया, 'सलमान रुश्दी अब वेंटीलेटर पर नहीं हैं और बातचीत कर रहे हैं। सभी लोग दुआएं कर रहे हैं।' रुश्दी के एजेंट एंड्रयू वायली ने भी अमेरिकी मीडिया में इस खबर की पुष्टि की। मतार द्वार चाकू घोंपे जाने के बाद रुश्दी (75) को वेंटीलेटर पर रखा गया था। इससे पहले शनिवार को मतार ने अदालत में पेश होने के दौरान हत्या के प्रयास के आरोप स्वीकार नहीं किए और उसे जमानत देने से इनकार कर दिया गया।
मतार पर हत्या की कोशिश का आरोप लगाया गया है, लेकिन उसने आरोप स्वीकार नहीं किए हैं। जिस वक्त उसे अदालत में पेश किया गया वह काली और सफेद धारियों का जम्पसूट पहने हुए था। चौटाउक्वा काउंटी के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी जैसन स्मिथ ने अदालत में रुश्दी की चोटों की जानकारी दी। लेखक को उनकी गर्दन के दाएं ओर चाकू लगने के तीन घाव, पेट में चाकू लगने के चार घाव, दायीं आंख और सीने पर घाव तथा दायीं जांघ पर घाव हुआ है।
स्मिथ ने आरोप लगाया, 'यह रुश्दी पर लक्षित, बिना उकसावे का और पूर्व नियोजित हमला था।' मतार अगर इन आरोपों में दोषी पाया जाता है तो उसे 32 साल तक की जेल की सजा हो सकती है। दुनियाभर के नेता और साहित्य जगत के लोग इस हमले से स्तब्ध हैं तथा उन्होंने इसकी निंदा की है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को एक बयान में कहा कि वह और प्रथम महिला जिल बाइडेन लेखक पर विद्वेषपूर्ण हमले के बारे में जानकर स्तब्ध और दुखी हैं।
बाइडेन ने कहा, 'सलमान रुश्दी मानवता के प्रति अपनी गहरी समझ, कहानी बयां करने की अपनी बेजोड़ कला, निर्भीकता, जरूरी चीजों के लिए खड़े होने और सार्वभौमिक आदर्शों के लिए जाने जाते हैं। उनमें बिना डर के अपने विचारों को साझा करने की शक्ति है। ये गुण किसी भी स्वतंत्र एवं मुक्त समाज की नींव हैं। आज हम रुश्दी तथा अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खड़े सभी लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए अमेरिकी मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुन: दोहराते हैं।'
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