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सलमान-आमिर ने हिजाब गर्ल को दिए करोड़ों रुपये, सच आया सामने

Shiddhant Shriwas
13 Feb 2022 8:07 AM GMT
सलमान-आमिर ने हिजाब गर्ल को दिए करोड़ों रुपये, सच आया सामने
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क्या यही उनकी मर्दानगी दिखाने का तरीका है. बहुत अफसोस की बात है.

इन दिनों देशभर में कर्नाटक का हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Row) चर्चा का विषय बना हुआ है. हाल ही में मुस्कान खान नाम की एक लड़की का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह हिजाब पहनकर 'अल्लाह हू अकबर' के नारे लगाती दिखी थी. इस वीडियो के वायरल होने के बाद कई लोगों ने मुस्कान की तारीफ की तो कई लोगों ने कड़ी निंदा भी की है.

सोशल मीडिया पर किया गया ये दावा


इस बीच सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया कि मुस्कान खान को सलमान खान (Salman Khan) और आमिर खान (Aamir Khan) ने करोड़ों रुपये बतौर ईनाम दिए हैं. वहीं, तुर्की सरकार (Turkish Government) ने भी मुस्कान को ईनाम देने की बात कही है. इन पोस्ट्स में कहा जा रहा है कि सलमान और आमिर खान ने मिलकर मुस्कान खान को 3 करोड़ रुपए मिलकर दिए हैं जबकि 2 करोड़ रुपए तुर्की की सरकार उसे देगी.
सलमान और आमिर ने दिए करोड़ों रुपये!


हालांकि, KoiMoi की एक रिपोर्ट के मुताबिक 'फैक्टली' ने अपनी रिसर्च में दावा किया है कि सोशल मीडिया पर चल रही ऐसी खबरें झूठ हैं. तुर्की सरकार ने ऐसा कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, जिसमें कहा गया है कि मुस्कान खान को ईनाम दिया जाएगा. वहीं, सलमान खान और आमिर खान की तरफ से भी मुस्कान को ईनाम देने को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. जबकि दोनों सितारों ने हिजाब विवाद पर अभी तक किसी भी तरह की टिप्पणी भी नहीं की है.
क्या है पूरा मामला


कुछ दिनों पहले कर्नाटक के एक कॉलेज में हिजाब पहनने की वजह से छात्रों को क्लास में घुसने नहीं दिया गया था जिसके बाद ये मामला कुछ ज्यादा ही बढ़ गया. इसके बाद एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक लड़की हिजाब पहने हुए नजर आई और उसके पीछे लड़कों का ग्रुप दिखता है जो जय श्री राम के नारे लगाने लगता है. वहीं, लड़की भी चुप नहीं रहती. वह भी अल्लाहू अकबर के नारे लगाकर लड़के को ग्रुप को करारा जवाब देती है.
'ये कैसी मर्दानगी है'
बताते चलें कि हाल ही में जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर कर इस घटना की जमकर निंदा की थी. उन्होंने लिखा, मैं कभी हिजाब या बुर्का के पक्ष में नहीं रहा हूं. मैं अभी भी अपनी इस बात पर कायम हूं लेकिन लड़कियों के छोटे समूह को धमकाने की कोशिश करने वाली भीड़ की निंदा करता हूं जो असफल साबित हुए. क्या यही उनकी मर्दानगी दिखाने का तरीका है. बहुत अफसोस की बात है.


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