विश्व

ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े राज्य में स्कूलों में कृपाण बैन, नाराजगी ने कहा- फैसला वापस ले सरकार

Neha Dani
20 May 2021 6:39 AM GMT
ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े राज्य में स्कूलों में कृपाण बैन, नाराजगी ने कहा- फैसला वापस ले सरकार
x
उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से आग्रह किया कि वो इस फैसले को जल्द से जल्द वापस ले.

ऑस्ट्रेलिया (Australia) के सबसे बड़े राज्य न्यू साउथ वेल्स (New South Wales) के सरकारी स्कूलों में 'कृपाण' पर प्रतिबंध (Ban on Kripan) लगा दिया गया है. अकाल तख्त (Akal Takht) ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए ऑस्ट्रेलियाई सरकार (Australian government) से इस निर्णय को वापस लेने को कहा है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (SGPC) ने कृपाण पर बैन लगाने को लेकर विदेश मंत्रालय और ऑस्ट्रेलिया में मौजूद भारत के उच्चायुक्त को पत्र लिखा है.

इस पत्र में इस मुद्दे पर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई है, क्योंकि ये सिखों की धार्मिक भावना से जुड़ा हुआ मामला है. स्कूलों में कृपाण नहीं पहनने पर लगने वाला बैन आज से प्रभावी हो रहा है. दरअसल, ये बैन सिडनी के एक स्कूल में हुई घटना के बाद लगाया गया है. एक 14 वर्षीय सिख छात्र को स्कूल में कुछ छात्रों द्वारा धमकाया और दुर्रव्यवहार किया जा रहा था. इसके जवाब में बचाव के लिए उसने अपने कृपाण का प्रयोग किया और एक छात्र को घायल कर दिया.
सरकार का फैसला पूरी तरह से अपरिपक्व
अकाल तख्त ने इस बैन को अनावश्यक करार दिया है. इसने बैन को लागू करने से पहले किसी भी सामुदायिक परामर्श नहीं लेने के चलते ऑस्ट्रेलियाई सरकार की जमकर आलोचना की है. अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Jathedar Giani Harpreet Singh) ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा मंत्री सारा मिशेल (Sarah Mitchell) का फैसला पूरी तरह से अपरिपक्व है. उन्होंने कहा कि सिख प्रतीकों की पहचान को लेकर लड़ने के लिए सिख संगठनों को एकजुट होना चाहिए. सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले अपने फैसले की सरकार को समीक्षा करनी चाहिए.
एक घटना से दांव पर न लगाएं सिख समुदाय की पवित्रता: SGPC की अध्यक्ष
SGPC की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने कहा कि एक घटना के आधार पर समुदाय की पवित्रता को दांव पर नहीं लगाया जा सकता. कृपाण सिख समुदाय के लिए पवित्र है. इसकी तुलना कभी भी चाकू या खंजर से नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री ने दो सिख सदस्यों के साथ एक ऑनलाइन बैठक करने के अलावा सिख समुदाय के नेताओं के साथ कोई चर्चा नहीं की. इसके तुरंत बाद कृपाण पर बैन लागू कर दिया गया. उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से आग्रह किया कि वो इस फैसले को जल्द से जल्द वापस ले.





Next Story