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न्यूयॉर्क: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस को 'कई क्षेत्रों में अहम साझेदार' बताते हुए कहा कि रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से हुई उनकी चर्चा 'द्विपक्षीय सहयोग' के साथ-साथ यूक्रेन संघर्ष पर भी केंद्रित रही.
जयशंकर ने कहा कि हमने कई मुद्दों पर चर्चा की. मेरी उनके साथ हुई बैठक का एक हिस्सा द्विपक्षीय सहयोग पर केंद्रित रहा, क्योंकि रूस कई क्षेत्रों में हमारा अहम साझेदार है.
विदेश मंत्री ने न्यूयॉर्क यात्रा का समापन करते हुए शनिवार को यहां भारतीय संवाददाताओं से बातचीत में 'पीटीआई-भाषा' के सवाल पर यह जवाब दिया. करीब एक सप्ताह की न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करने के साथ-साथ कई देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की. संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने से महज कुछ घंटे पहले जयशंकर अपने रूसी समकक्ष से मिले थे.
सुधार के मुद्दे पर विचारों का आदान-प्रदान किया:
विदेश मंत्री ने ट्वीट किया था कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें वार्षिक सत्र से इतर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से विस्तृत वार्ता की. यूक्रेन, जी-20 और संयुक्त राष्ट्र में सुधार के मुद्दे पर विचारों का आदान-प्रदान किया.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 'निश्चित तौर' पर बड़े मुद्दे हैं, जो रूस और बाकी दुनिया पर केंद्रित हैं, लेकिन रिश्तों को अपनी जरूरतों, प्रक्रियाओं और उद्देश्यों को पूरा करना होता है. जयशंकर ने कहा कि हमने कुछ समय द्विपक्षीय मुद्दों का जायजा लेने में बिताया और यूक्रेन से जुड़े मुद्दों पर भी 'कुछ बातचीत' की.
संयुक्त राष्ट्र में सुधार के मुद्दे पर भी चर्चा की:
विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने (लावरोव ने) रूस के नजरिये से बहुत-सी बातों की जानकारी दी. मैंने भी उन्हें बताया कि मुझे अन्य से क्या जानकारी मिली है. इस प्रकार से दोनों पक्षों के दृष्टिकोण पर आधारित बातचीत रही. जयशंकर ने कहा कि हमने जी-20 पर भी बातचीत की, जिसकी अध्यक्षता दिसंबर से भारत करेगा. उन्होंने कह कि जहां तक जी-20 की बात है तो रूस बहुत हद तक बहस के केंद्र में है और अंतत: हमने संयुक्त राष्ट्र में सुधार के मुद्दे पर भी चर्चा की.
संघर्ष अपने आप में सबसे बड़ी चिंता है:
गौरतलब है कि न्यूयॉर्क में हुई मुलाकात जयंशकर और लावरोह के बीच इस साल हुई चौथी मुलाकात थी. इससे पहले, दोनों नेताओं ने जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर इंडोनेशिया के बाली में और जब लावरोव दिल्ली आए थे, तब मुलाकात की थी. इस सप्ताह यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शमीहाल के साथ हुई बैठक के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि संघर्ष अपने आप में सबसे बड़ी चिंता है. उन्होंने मुझे अपने विचारों से अवगत कराया और यूक्रेन में जो हो रहा है, उसके बारे में अपना आकलन बताया.
न्यूज़ क्रेडिट: firstindianews
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