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एस जयशंकर तजाकिस्तान में ईरान और तुर्की के विदेश मंत्रियों से की मुलाकात, चाबहार बंदरगाह सहित कई मुद्दों पर की चर्चा

Neha Dani
30 March 2021 2:46 AM GMT
एस जयशंकर तजाकिस्तान में ईरान और तुर्की के विदेश मंत्रियों से की मुलाकात, चाबहार बंदरगाह सहित कई मुद्दों पर की चर्चा
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मुलाकात की संभावनाओं को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही थी.

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) अफगानिस्तान पर होने वाले एक महत्वपूर्ण सम्मेलन (Heart of Asia Conference) में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को ताजिकिस्तान (Tajikistan) की राजधानी दुशांबे पहुंचे हैं. यहां पहुंचने के बाद उन्होंने ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ (Mohammad Javad Zarif) से मुलाकात की और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह (Chabahar Port) सहित द्विपक्षीय सहयोग के अन्य मुद्दों पर चर्चा की. जयशंकर नौवें 'हार्ट ऑफ एशिया-इस्तांबुल प्रॉसेस' में भाग लेने के लिए आज ही दुशांबे पहुंचे हैं.

विदेश मंत्री के सम्मेलन से इतर अन्य प्रतिभागी देशों के नेताओं से मुलाकात करने की भी संभावना है. जयशंकर ने ट्वीट कर कहा है, 'ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ से मुलाकात के साथ हॉर्ट ऑफ एशिया के कार्यक्रमों की शुरुआत की. गर्मजोशी भरी बातचीत हुई, जिसमें आपसी हितों पर चर्चा हुई (S Jaishankar meet Iran Foreign Minister Javad Zarif). चाबहार सहित द्विपक्षीय सहयोग पर भी बातचीत हुई.' शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए सितंबर में रूस जाते हुए जयशंकर बीच में तेहरान (ईरान की राजधानी) में रूके थे. उस दौरान भी उन्होंने जरीफ के साथ द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने और क्षेत्रीय विकास के मुद्दे पर चर्चा की थी.
तुर्की के विदेश मंत्री से भी मिले?
जयशंकर ने सोमवार को ही तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लु (Mevlut Cavusoglu) से भी मुलाकात की है. मुलाकात के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, 'हमारी बातचीत का केंद्र बिंदू अफगानिस्तान से जुड़ी चीजें और द्विपक्षीय संबंध रहा.' दुशांबे (Heart of Asia Summit Held in Which City) में इस समय स्थायी, शांतिपूर्ण अफगानिस्तान के लिए सुरक्षा और सहयोग पर क्षेत्रीय प्रयास 'इस्तांबुल प्रॉसेस' के तहत नौवें हार्ट ऑफ एशिया इस्तांबुल प्रॉसेस की मंत्री स्तरीय बैठक हो रही है. इसकी शुरुआत दो नवंबर, 2011 को तुर्की से हुई थी.
अफगानिस्तान पर क्या कहा?
एस जयशंकर ने अफगानिस्तान को लेकर बीते सप्ताह कहा था कि भारत स्पष्ट रूप से ऐसा संप्रभु, लोकतांत्रिक और समावेशी अफगानिस्तान देखना चाहता है, जो अपने देश के अल्पसंख्यकों का ख्याल रखता हो (Heart of Asia Summit). उन्होंने कहा था, 'शांति और मेल-मिलाप की एक प्रक्रिया होती है और सभी यह कह रहे हैं कि तालिबान प्रयास कर रहा और बदल रहा है. फिलहाल इंतजार करते हैं, फिर देखते हैं.' (S Jaishankar on Afghanistan) पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में शामिल होने के कारण दोनों नेताओं के बीच मुलाकात की संभावनाओं को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही थी.


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