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एस-400 मिसाइल प्रणाली : भारत के पक्ष में दो अमेरिकी सांसद, बाइडन से प्रतिबंध नहीं लगाने का किया आग्रह

Renuka Sahu
27 Oct 2021 2:23 AM GMT
एस-400 मिसाइल प्रणाली : भारत के पक्ष में दो अमेरिकी सांसद, बाइडन से प्रतिबंध नहीं लगाने का किया आग्रह
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फाइल फोटो 

अमेरिका में दो सीनेटर ने मंगलवार को राष्ट्रपति जो बाइडन से आग्रह किया कि रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीद को लेकर भारत के खिलाफ ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ के दंडात्मक प्रावधानों को लागू नहीं करें.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका (America)में दो सीनेटर ने मंगलवार को राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) से आग्रह किया कि रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीद को लेकर भारत के खिलाफ 'काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट' (CAATSA) के दंडात्मक प्रावधानों को लागू नहीं करें. बाइडन को लिखे पत्र में डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर मार्क वार्नर और रिपब्लिकन पार्टी के जॉन कॉर्निन ने राष्ट्रपति बाइडन से आग्रह किया कि CAATSA के तहत राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए भारत को इसके प्रावधानों से छूट दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसा अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हित में है.

पत्र में सांसदों ने लिखा, 'हम रूसी उपकरण खरीद के संबंध में आपकी चिंता को समझते हैं. हम आपके प्रशासन को भारतीय अधिकारियों के समक्ष इस चिंता को मजबूती से उठाना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. भारत के साथ रचनात्मक रूप से जुड़कर रूसी उपकरणों की खरीद के विकल्पों का समर्थन करना भी जारी रखेंगे.' अपने चिट्ठी में दोनों सांसदों ने लिखा है कि भारत ने रूसी सैन्य उपकरणों की खरीद को कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं लेकिन सोवियत संघ और बाद में रूस से हथियार खरीदने का उसका एक लंबा इतिहास रहा है.
भारत को खरीद से रोकने का पड़ेगा असर- सांसद
सांसदों ने भारत के पक्ष में तर्क करते हुए लिखा है- हमारा मानना है कि भारत से जुड़े मौजूदा एस-400 खरीद के मामले में CAATSA प्रतिबंध के लागू होने के चलते भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है साथ ही रूसी हथियारों की बिक्री को रोकने के उद्देश्य भी हासिल नहीं किया जा सकता.
अमेरिकी सांसदों ने लिखा है कि हाल के वर्षों में भारत ने रूसी सैन्य हार्डवेयर के आयात को कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. साल 2016 से साल 2020 तक भारत में रूसी हथियारों के निर्यात में पिछले पांच साल की अवधि की तुलना में 53 प्रतिशत की गिरावट आई है. इस बीच भारत ने अमेरिका से उपकरण खरीदने की इच्छाशक्ति दिखाई है. वित्तीय वर्ष 2020 में भारत को की जाने वाली बिक्री 3.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई है. रूसी उपकरणों पर भारत की निर्भरता को कम करने के प्रयासों के संदर्भ में यह सकातरात्मक रुझान हैं.
कौन हैं वार्नर और कॉर्निन
वार्नर इंटेलिजेंस पर सीनेट की स्थायी चयन समिति के अध्यक्ष हैं. वहीं कॉर्निन जीओपी के लिए सीनेट अल्पसंख्यक सचेतक हैं. दोनों सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं.अक्टूबर 2018 में भारत ने एस -400 एअर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की पांच यूनिट्स को खरीदने के लिए 5 बिलियन अमेरिकी डालर के समझौते पर दस्तखत किए.
हालांकि तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि अगर भारत, रूस के साथ किए गए व्यापार समझौते पर आगे बढ़ता है तो उस पर CAATSA के तहत प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. S-400 को रूस की सबसे एडवांस मिसाइल डिफेंस सिस्टम के तौर पर जाना जाता है जो लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने में सक्षम है.


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