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विशेषज्ञों का कहना है कि रूसी स्पेस एजेंसी के लिए पिछले तीन साल में यह पहली सबसे बड़ी दुर्घटना है।
रूस का एक जासूसी सैन्य उपग्रह आने वाले कुछ सप्ताह में धरती से टकरा सकता है। रूस ने पिछले दिनों इस उपग्रह लॉन्च को 'सफल' करार दिया था। वहीं विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस उपग्रह में गड़बड़ी आ गई है। रूस ने सोमवार को अपनी नई पीढ़ी के विशाल स्पेस रॉकेट अंगारा ए-5 की मदद से जासूसी उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा था। बताया जा रहा कि इस सैन्य उपग्रह का वजन करीब 20 टन है।
स्वतंत्र विशेषज्ञों का कहना है कि यह जासूसी उपग्रह और उसका बूस्टर रॉकेट आने वाले कुछ सप्ताह में धरती से टकरा सकता है। रूस का अंगारा ए-5 रॉकेट उसके जासूसी उपग्रहों, हथियारों और नेविगेशन के लिए जरूरी सैटलाइट को अंतरिक्ष में भेजने के लिए बेहद अहम है। यही नहीं इसी भारी-भरकम रॉकेट की मदद से रूस अपने चंद्रमा मिशन को भेजने के सपने देख रहा है।
रूसी सैटलाइट अभी भी निचली कक्षा में मौजूद
विशेषज्ञों का कहना है कि यह उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया था लेकिन रॉकेट के अपर स्टेज पर लगा बूस्टर पेरसेई उड़ान के दौरान फेल हो गया। इसी वजह से रूस का सैटलाइट अपनी सही कक्षा में नहीं पहुंच सका। विशेषज्ञों ने कहा कि यह अनियंत्रित उपग्रह और उसमें लगा बूस्टर करीब 20 टन का है और आने वाले कुछ सप्ताह में धरती से टकरा सकता है। रूसी सेना के हाई कमांड ने विशेषज्ञों के इस दावे पर कोई बयान नहीं दिया है।
रूसी मीडिया के मुताबिक पेरसेई को अपने टेस्ट मिशन के दौरान 5 इंजन शुरू करने थे लेकिन दूसरे इंजन में गड़बड़ी आ गई। इस परिणाम यह हुआ कि यह रूसी सैटलाइट अभी भी निचली कक्षा में है और धरती पर गिरने से पहले यह वहां पर कई सप्ताह तक रह सकता है। इस सैटलाइट को समुद्र स्तर से 22,236 मील की ऊंचाई पर पहुंचना था। विशेषज्ञों का कहना है कि रूसी स्पेस एजेंसी के लिए पिछले तीन साल में यह पहली सबसे बड़ी दुर्घटना है।
Neha Dani
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