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रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवालनी जेल में बंद, 24वें दिन खत्म की भूख हड़ताल जानिए क्या है मामला

Apurva Srivastav
23 April 2021 3:58 PM GMT
रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवालनी जेल में बंद, 24वें दिन खत्म की भूख हड़ताल जानिए क्या है मामला
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रूस की जेल में बंद विपक्षी नेता एलेक्सी नवालनी ने भूख हड़ताल खत्म कर दी है

रूस की जेल में बंद विपक्षी नेता एलेक्सी नवालनी (Alexei Navalny in Jail) ने भूख हड़ताल खत्म कर दी है. उन्होंने कहा है कि वह चिकित्सा सुविधा मिलने के बाद अपनी हड़ताल खत्म कर रहे हैं. उनके चिकित्सकों ने भी उन्हें चेतावनी दी कि इससे उनके जीवन को खतरा है (Alexei Navalny Hunger Strike). भूख हड़ताल के 24वें दिन नवालनी ने इंस्टाग्राम पर साझा की अपनी पोस्ट में कहा कि वह अपने हाथ और पैर में संवेदना समाप्त होने के उपचार के लिए अपने चिकित्सक के दौरे की मांग जारी रखेंगे.

नेता ने जब भूख हड़ताल की शुरुआत की थी तो यह उनकी मुख्य मांग थी. लेकिन उन्होंने कहा कि जेल के बाहर के चिकित्सकों की जांच के बाद वह भूख हड़ताल समाप्त कर रहे हैं. नवालनी ने संदेश में कहा, 'देश और दुनियाभर के अच्छे लोगों के समर्थन के लिए धन्यवाद (Alexei Navalny Background). हमने काफी प्रगति की है. दो महीने पहले चिकित्सीय सहयोग के मेरे आग्रह का मजाक बनाया गया था. मेरा इलाज नहीं किया गया. आप सभी को धन्यवाद, मेरी दो बार चिकित्सकों की टीम ने जांच की है.
ढाई साल कैद की सजा मिली
नवालनी ने कहा कि वह शुक्रवार को 'भूख हड़ताल तोड़ेंगे.' 44 वर्षीय नेता को इस साल गिरफ्तार किया गया था और वह ढाई साल कैद की सजा भुगत रहे हैं. उन्होंने अपने पैरों में संवेदनहीनता और पीठ में तेज दर्द के बाद इलाज कराने की मांग की थी, जिससे जेल के अधिकारियों ने इंकार कर दिया था (Alexei Navalny Issue). इसके बाद 31 मार्च से वह भूख हड़ताल पर हैं. बुधावर की रात भी रूस में नवालनी को जेल से रिहा करने की मांग को लेकर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था.
जर्मनी से कराया था इलाज
नवालनी के एक शीर्ष सहयोगी ने कहा है कि बुधवार रात को हुए प्रदर्शन के बाद ही रूसी प्रशासन ने चिकित्सकीय मदद पहुंचाई है. नवालवी को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का सबसे बड़ा आलोचक माना जाता है. उन्हें जनवरी में उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह जर्मनी से अपना इलाज कराकर वापस लौट रहे थे (Alexei Navalny Poisoning). उन्हें नर्व एजेंट से जहर दिया गया था, जिसके बाद करीब पांच महीने तक जर्मनी में उनका इलाज चला है. नवालनी ने खुद को जहर दिए जाने का आरोप भी रूसी प्रशासन पर ही लगाया था, जिसे रूस के अधिकारियों ने खारिज कर दिया था.


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