रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक टेलीविजन संबोधन में कहा, उन्होंने विद्रोह के दौरान 'बड़े पैमाने पर खूनखराबा' से बचने का आदेश दिया था. जबकि पश्चिमी देश और कीव (यूक्रेन) चाहते थे कि रूसी 'एक दूसरे को मार डालें. वैगनर लड़ाके चाहें तो सेना में शामिल हो सकते हैं या बेलारूस जा सकते हैं. अपने घर भी लौट सकते हैं. उन्होंने कहा, हमने विद्रोह को 24 घंटे से भी कम समय में खत्म कर दिया. उन्होंने राष्ट्र को एकता के लिए धन्यवाद दिया. बगावत को खूनखराबे में ना बदलने देने के लिए वेगनर ग्रुप की आर्मी को धन्यवाद दिया.
बगावत के बाद पहली बार सामने आए पुतिन ने विद्रोहियों को चुनौती भी दी. उन्होंने कहा, देश और लोगों को विद्रोह से बचाने के लिए सभी जरूरी उपाय किए गए हैं. उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम के लिए 'रूस के दुश्मनों' को दोषी ठहराया और कहा कि उन्होंने 'गलत अंदाजा लगाया.' उन्होंने क्रेमलिन में सुरक्षा सेवा प्रमुख, रक्षा मंत्री और अन्य शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात की है. इससे पहले प्राइवेट आर्मी के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने बगावत के फैसले का बचाव किया. बयान में कहा, वो तख्तापलट नहीं करना चाहते थे बल्कि अपनी प्राइवेट आर्मी वैगनर को खत्म होने से रोकना चाहते थे. उन्होंने कहा, हमने अन्याय की वजह से अपना मार्च शुरू किया था. हालांकि, उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि वो इस समय कहां हैं या उनका प्लान क्या था. सोमवार को उन्होंने कहा, लुकाशेंको ने वैगनर को कानूनी अमलीजामा पहनाने की पेशकश की है. हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया. प्रिगोझिन की प्रमुख मांगों में से एक यह थी कि रक्षा मंत्री शोइगु को हटाया जाए और रूस के शीर्ष जनरल को बर्खास्त किया जाए.