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रूस का दावा- अमेरिका अफगानिस्तान के पास सैन्य अड्डे बनाने की कोशिश में, भारत को भी मनाया जा रहा

Renuka Sahu
3 Nov 2021 6:02 AM GMT
रूस का दावा- अमेरिका अफगानिस्तान के पास सैन्य अड्डे बनाने की कोशिश में, भारत को भी मनाया जा रहा
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फाइल फोटो 

अफगानिस्तान में तालिबान के आते ही अमेरिका सहित दूसरे पड़ोसी देशों को अपनी सुरक्षा का डर सता रहा है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान में तालिबान के आते ही अमेरिका सहित दूसरे पड़ोसी देशों को अपनी सुरक्षा का डर सता रहा है. क्योंकि इस संगठन के कब्जे के बाद से देश में इस्लामिक स्टेट और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठन मजबूत हो रहे हैं. अब रूस ने दावा किया है कि अमेरिका अफगानिस्तान के पास सैन्य अड्डे बनाने की कोशिश कर रहा है. रूस के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव (Sergey Lavrov) ने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने अमरिकी समकक्ष जो बाइडेन से जिनेवा सम्मेलन में अमेरिका की उन कोशिशों का विरोध किया था, जिसके तहत वो मध्य एशियाई देशों के साथ समझौते कर क्षेत्र में अमेरिकी सेना को तैनात करना चाहता है.

अफगानिस्तान की स्थानीय समाचार वेबसाइट टोलो न्यूज के अनुसार, विदेश मंत्री लावरोव ने दावा किया कि अमेरिका अफगानिस्तान में सैन्य अड्डे स्थापित करने की लगातार कोशिश कर रहा है. रिपोर्ट में ये बात रूसी चैनल के हवाले से कही गई है, जिसपर लावरोव ने इंटरव्यू दिया था (Sergey Lavrov on US). टोलो न्यूज के अनुसार, अमेरिका ने सैन्य अड्डे बनाने के लिए पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन सभी ने उसके प्रस्ताव को खारिज कर दिया.
'भारत को भी मना रहा अमेरिका'
न्यूज चैनल ने लावरोव के हवाले से कहा है, 'हमें अमेरिका की घुसपैठ के बारे में अच्छे से पता है. मैं इस बात से इनकार नहीं करूंगा कि वो इसी उद्देश्य के लिए अलग-अलग तरफ से कोशिशें कर रहे हैं. मैंने ये भी सुना है कि वे भारत को पेंटागन (अमेरिका रक्षा विभाग का मुख्यालय) को भारतीय क्षेत्र में कुछ अवसर देने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं.' हालांकि अमेरिका के सैन्य अड्डे बनाने को लेकर बीते दिनों भी काफी खबरें आई थीं. इसमें पाकिस्तान का नाम सबसे ऊपर रहा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) सहित दूसरे मंत्रियों ने कहा कि वह अमेरिका को सैन्य अड्डा नहीं बनाने देंगे.
क्यों सैन्य अड्डे चाहता है अमेरिका
मीडिया रिपोर्ट में अफगानिस्तान के राजनेता सईद इशाक गिलानी के हवाले से कहा गया है, 'मुख्यतौर पर सैन्य अड्डे अल-कायदा और दाएश (इस्लामिक स्टेट) को रोकने के लिए होंगे लेकिन ये अफगानों के लिए किसी आपदा से कम नहीं होंगे.' पूर्व राजदूत शुक्रिया बारेकजई के हवाले से कहा गया है, 'सैन्य अड्डे बनाने से क्षेत्र की सुरक्षा प्रभावित होगी.' गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर अगस्त में तालिबान ने कब्जा कर लिया था (US Military in Afghanistan Current News). जिसके बाद से यहां आतंकी संगठन मजबूत हो रहे हैं. यही संगठन दुनियाभर के देशों के लिए खतरा बढ़ा रहे हैं.


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