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भारतीय तेल बाजार के बिजनेस में रूस का बड़ा उलटफेर, सऊदी अरब को इस तरह से पछाड़ा

Neha Dani
5 Aug 2022 10:07 AM GMT
भारतीय तेल बाजार के बिजनेस में रूस का बड़ा उलटफेर, सऊदी अरब को इस तरह से पछाड़ा
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भारत को कुछ आर्थिक राहत मिली है. इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी कहीं न कहीं फायदा पहुंच रहा है.

भारत (India) के तेल बाजार में रूस ने सऊदी और ओपेक देशों की बादशाहत को खत्म करते हुए नया इतिहास रच दिया है. दरअसल पिछले साल 2021 तक सऊदी अरब (Saudi Arab) भारत (India) का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक (Oil Exporter) था जबकि रूस (Russia) इस मामले में नौवें पायदान पर था. लेकिन इस साल फरवरी महीने में यूक्रेन और रूस के बीच शुरू हुए युद्ध (Russia Ukrine War) की वजह से रूसी तेल (Russian Oil) पर लगे प्रतिबंधों के चलते भारतीय तेल बाजार (Indian Oil Market) की तस्वीर बदल गई है.


इंडियन मार्केट में बढ़ा कंपटीशन

भारतीय तेल बाजार में पिछले कुछ महीनों से बड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है. जहां रूस (Russia) ने सऊदी अरब और अन्य ओपेक (Opec) देशों से भी सस्ता तेल भारत को बेचा है. यानी साफ है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से भारतीय तेल बाजार में रूस को विस्तार करने के नए मौके मिले, जिनका फायदा उठाने में उसने जरा भी देर नहीं लगाई. गौरतलब है कि भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातकों में से एक है ऐसे में रूसी तेल जो प्रतिबंधों के चलते यूरोप के देशों में बैन है वो बड़ी आसानी से भारतीय तेल बाजार में खप जा रहा है.

रूस बना दूसरा सबसे बड़ा साझेदार

ब्लूमबर्ग में प्रकाशित भारत सरकार के आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून तक रूस का तेल भारत में सऊदी अरब के तेल से भी सस्ता बिक रहा था. वहीं मई 2022 में रूस के तेल (Russian Crude) पर भारत को $19 डॉलर प्रति बैरल तक का डिस्काउंट मिल रहा था. इसके अगले महीने यानी जून 2022 में सऊदी अरब को पछाड़ कर रूस, भारत में दूसरा सबसे बड़ा तेल सप्लायर बन गया है. यानी रूस अब भारत को तेल निर्यात करने के मामले में इराक से महज एक पायदान पीछे है. बताते चलें कि इराक भारत में तेल का सबसे बड़ा सप्लायर है.

भारत को बड़ी राहत

भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 85 फीसदी तेल विदेशों से आयात करता है और रूस हो रही इस सस्ती सप्लाई की वजह से भारत को कुछ आर्थिक राहत मिली है. इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी कहीं न कहीं फायदा पहुंच रहा है.

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