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यूक्रेन में रूस का हमला तेज, मैरियूपोल मलबे में हुआ तब्दील, नाटो ने कहा- 15000 तक रूसी सैनिक मरे
Renuka Sahu
24 March 2022 1:44 AM GMT
![यूक्रेन में रूस का हमला तेज, मैरियूपोल मलबे में हुआ तब्दील, नाटो ने कहा- 15000 तक रूसी सैनिक मरे यूक्रेन में रूस का हमला तेज, मैरियूपोल मलबे में हुआ तब्दील, नाटो ने कहा- 15000 तक रूसी सैनिक मरे](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/03/24/1556927--15000-.webp)
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फाइल फोटो
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन का कहना है कि यूक्रेन में पिछले 28 दिनों से जारी युद्ध के दौरान रूस को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का कहना है कि यूक्रेन में पिछले 28 दिनों से जारी युद्ध के दौरान रूस को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। उसके अनुसार, अब तक जंग में रूस के 7000 से 15000 सैनिक मारे गए हैं। रूस को यूक्रेन से कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। इतने दिनों बाद भी वह अभी तक कीव पर कब्जा करने में नाकाम रहा है।
नाटो सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि रूसी सैनिकों के मारे जाने संबंधी अनुमान यूक्रेनी अधिकारियों से मिली सूचना और स्वतंत्र सूत्रों से एकत्रित खुफिया जानकारी पर आधारित है। रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू की थी। हालांकि, इसके चार हफ्ते पूरे होने के बाद भी रूस ने हताहत हुए अपने सैनिकों की संख्या नहीं बताई है।
इस बीच, नागरिकों को सुरक्षित निकाले जाने के लिए नौ मानवीय गलियारे बनाने पर यूक्रेन और रूस के बीच सहमति बन गई है। यूक्रेन की उपप्रधानमंत्री आइरिना वेरेश्चुक ने बताया, निकालने के लिए बर्दियांस्क में परिवहन की व्यवस्था की गई है। अकेले मैरियूपोल में ही 2.50 लाख से ज्यादा लोग हमलों के बीच फंसे हैं।
रूस ने फिर परमाणु हमले की धमकी दी
रूस और यूक्रेन के बीच 28 दिन से जारी जंग में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की आहट फिर सुनाई देने लगी है। उम्मीद के मुताबिक सफलता न मिलने से हताश रूस ने फिर धमकी भरे अंदाज में कहा कि जीने मरने का सवाल हुआ, तो हम परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से पीछे नहीं हटेंगे। वहीं, रूसी हमलों में मैरियूपोल शहर पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गया है। रूसी बमबारी में कई अन्य शहर भी तबाह हो चुके हैं।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने स्वीकार किया कि रूस ने अभी तक यूक्रेन में किसी भी सैन्य लक्ष्य को हासिल नहीं किया है। उन्होंने परमाणु हथियारों की मदद लेने से इनकार तो किया, साथ ही कहा-यदि जीने-मरने का सवाल खड़ा हुआ तो रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने से भी पीछे नहीं हटेगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा की हमारी एक अवधारणा है और यह सार्वजनिक है। आप देख सकते हैं कि किन हालात में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बात की गई है। यूक्रेन पर हमले के चंद दिन बाद ही पुतिन ने रणनीतिक तौर पर अहम हथियारों, जिनमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं, को विशेष अलर्ट पर रखने के आदेश दिए थे।
उन्होंने कहा था, इससे फर्क नहीं पड़ता कि कौन हमारे देश व लोगों के लिए खतरा पैदा करता है। उन्हें पता होना चाहिए कि रूस तत्काल जवाब देगा और नतीजा ऐसा होगा, जो किसी ने धरती के पूरे इतिहास में कभी नहीं देखा होगा।
121 से ज्यादा बच्चे मरे, 167 घायल
यूक्रेनी महाभियोजक ने बताया है कि जंग में 121 से ज्यादा बच्चे मारे जा चुके हैं और 167 से ज्यादा घायल हुए हैं। एजेंसी
पोलैंड के प्रस्ताव पर भड़का रूस, बोला- बहुत खतरनाक होगा यह
रूस ने यूक्रेन में शांतिसैनिकों को भेजने के प्रस्ताव को 'अति दुस्साहसी' करार दिया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने चेतावनी दी कि इससे रूस और नाटो के बीच प्रत्यक्ष संघर्ष छिड़ सकता है। पोलैंड ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि वह यूक्रेन में शांतिसैनिकों को भेजने का प्रस्ताव नाटो में पेश करेगा।
मास्को पहुंचे रेडक्रॉस प्रमुख
यूक्रेन में मानवीय मदद पहुंचाने व युद्धबंदियों पर रूसी मंत्रियों से बात करने के लिए रेडक्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति के प्रमुख पीटर मारूर मास्को पहुंचे हैं।
रेडिएटर का पानी पीने को मजबूर
मैरियूपोल में अस्पताल हो या बंकर, सभी जगहें मलबे के ढेर में तब्दील हो चुकी हैं। यहां महिलाओं और बच्चों तक को निशाना बनाया गया। शहर मंगलवार को दो शक्तिशाली धमाकों से दहल उठा। इमारतों से धुएं का गुबार उठता दिखा।
शहर में भूखे-प्यासे बच्चे रेडिएटर का पानी पीने को मजबूर हैं। एक नागरिक का कहना है, भूखे लोग आवारा कुत्ते तक खा रहे हैं। शहर में अब भी दो लाख से ज्यादा लोग फंसे हैं। मानवाधिकार समूह ने शहर को 'लाशों और इमारतों के मलबे का बर्फीला नरक' कहा है।
चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में एक लैब नष्ट
रूसी सैनिकों ने चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में एक लैब को नष्ट कर दिया है। यह रेडियोधर्मी कचरे के प्रबंधन में सुधार का काम करती थी। जंग की शुरुआत में ही रूस ने इस बंद पड़े संयंत्र को कब्जे में ले लिया था।
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