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इस युद्ध को महत्वपूर्ण संस्थानों और व्यक्तियों को बदनाम करने के लिए जालसाजी द्वारा हथियार बनाया गया है.
यूक्रेन पर जमीन, समुद्र और हवा से हो रहे चौतरफा हमले के बीच रूस एक अदृश्य युद्ध भी लड़ रहा है. यह युद्ध जो खुले में दिखाई नहीं दे रहा है, वह धारणा का युद्ध है. इसे इन्फॉर्मेशन वॉर कहा जाता है. रूस ने यूक्रेनी सरकार की वेबसाइटों पर साइबर हमले की एक सीरीज शुरू की है, पश्चिम के सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर बैन लगा दिया है. दावा किया जा रहा है कि रूस पड़ोसी देश पर हमले को वाजिब ठहराने के लिए कहानियां गढ़ रहा है. यूक्रेन के खिलाफ रूस ने अंडरग्राउंड प्रोपेगेंडा युद्ध ही छेड़ रखा है.
'चौथी पीढ़ी का युद्ध या हाइब्रिड युद्ध'
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट बृजेश सिंह ने बताया कि ऐसे युद्ध को 'चौथी पीढ़ी का युद्ध या हाइब्रिड युद्ध' कहा जाता है. ऐसे युद्ध महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर साइबर अटैक, सोशल मीडिया नेटवर्क पर दुष्प्रचार का प्रसार, हिंसक समूहों को जुटाना और कानून की गड़बड़ी का कारण बनते हैं.
ऐसे युद्ध का उद्देश्य क्या है?
बृजेश सिंह ने बताया कि हाइब्रिड युद्ध छेड़ने में किसी भी प्रतिष्ठान का उद्देश्य ऐसी सूचनाओं का निर्माण और प्रसार करना है जो लोगों को भ्रमित करती हैं. मौजूदा परिस्थितयों को सही साबित करने के लिए समानांतर वास्तविकताओं का निर्माण किया जाता है और लिए गए फैसलों को उचित बताया जाता है. इन सभी गतिविधियों को बड़े ही बारीकी और फैशनेबल तरीके से आगे बढ़ाया जाता है. यह युद्ध कई डोमेन में एक जैसा प्रभाव डालता है. सूचना युद्ध या दुष्प्रचार अभियानों का उपयोग लक्षित देश में आबादी को पूरी तरह से भ्रमित करता है.
हकीकत से जुदा दूसरी हकीकत की जाती है तैयार
उन्होंने कहा कि यह अनिवार्य रूप से समानांतर सत्य पैदा करता है जो विभिन्न समूहों के बीच मतभेद पैदा करता है. सरकार और लोगों के बीच विश्वास को कम करता है और आम तौर पर असहाय और निराशा की स्थिति पैदा करता है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को बनाया जाता है हथियार
ट्विटर, फेसबुक और टेलीग्राम सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मैसेज, वीडियो और तस्वीरों की बौछार की गई है, उनमें से कई फर्जी दावे कर रहे हैं, फर्जी क्लिपिंग या गलत तथ्यों का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह अत्यधिक ध्रुवीकृत वातावरण का लाभ उठाने के लिए किया जाता है.
इसके पीछे बेहद ही खौफनाक उद्देश्य
बृजेश सिंह ने खुलासा किया किया इस युद्ध में सूचना को नुकसान पहुंचाने के लिए क्लिप का इस्तेमाल, मॉर्फिंग, यहां तक कि पूरी तरह से ऐसे कंटेंट तैयार किए जाते हैं. इस युद्ध को महत्वपूर्ण संस्थानों और व्यक्तियों को बदनाम करने के लिए जालसाजी द्वारा हथियार बनाया गया है.
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