पूर्वी यूक्रेन के चासिवयार शहर में शनिवार रात रूस ने एक अपार्टमेंट की इमारत पर हमला किया। इसमें कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई। अब भी इमारत में करीब 20 लोगों के फंसे होने की आशंका है।
दोनास्क क्षेत्र के गवर्नर पावलो क्रिलेंको ने बताया कि करीब 12 हजार आबादी वाले शहर पर रूस ने ट्रक में लगे लांचर से हमला किया। चासिवयार शहर क्रामटोरस्क के दक्षिणपूर्व में 20 किलोमीटर की दूरी पर है, जिसे उत्तर की ओर बढ़ती रूसी फौजों का मुख्य निशाना माना जा रहा है।
दोनबास क्षेत्र दो प्रांतों दोनेस्क और लुहांस्क से मिलकर बना है, जहां 2014 से ही यूक्रेनी फौजों को अलगाववादियों से जूझना पड़ रहा है। पिछले सप्ताह रूस ने लुहांस्क में यूक्रेन के प्रतिरोध का केंद्र बने लिसिचांस्क पर कब्जा कर लिया था।
लुहांस्क के गवर्नर सेरहिय हैदई ने कहा, रूसी फौजों के कारण दोनबास में स्थिति नारकीय है। लिसिचांस्क पर कब्जे के बाद कुछ विश्लेषकों का अनुमान था कि रूसी फौजें कुछ रुककर दोबारा एकत्रित होंगी। इसके बावजूद उनकी ओर से ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई।
वे अब भी पहले की तरह ही लगातार गोलाबारी कर रहे हैं। बाद में उन्होंने कहा, लुहांस्क पर रूस की गोलाबारी कुछ समय इसलिए रुकी थी, क्योंकि यूक्रेनी फौजों ने उसका हथियार डिपो और रहने के लिए इस्तेमाल हो रहे बैरक नष्ट कर दिए थे।
नागरिक क्षेत्रों को लगातार निशाना बना रहा रूस
रूस दावा करता है कि वह केवल सैन्य ठिकानों पर हमला करता है। अपार्टमेंट पर हमले ने फिर उसके दावे को झुठला दिया है। इससे पहले क्रेमेन्चुक में जून माह के अंत में एक शॉपिंग मॉल पर हमले में 19 लोगों की मौत हो गई थी। दक्षिण ओडेसा क्षेत्र में अपार्टमेंट और मनोरंजन क्षेत्र पर रॉकेट हमलों में 21 लोगों की जान चली गई थी। रूसी रक्षा मंत्रालय ने रविवार की वार्ता में चासिवयार हमले पर कोई जानकारी नहीं दी।
फसली सीजन शुरू, बढ़ गई है यूक्रेन के किसानों की परेशानी
ऑलेक्जेंडर चुबुक का गोदाम इन दिनों खाली होना चाहिए था। वह इन दिनों में नई फसल का इंतजार करते, क्योंकि सर्दियों में पैदा हुआ अनाज वह पहले ही विदेश भेज चुके होते। इसके बजाय यूक्रेन मध्य में स्थित उनका गोदाम अनाज से भरा है, क्योंकि रूस के साथ युद्ध के चलते वह अनाज को विदेश भेज ही नहीं सके। जैसे-जैसे कटाई का समय करीब आ रहा है, उनकी चिंता बढ़ती जा रही है। उन्हें इस बार करीब पांच हजार टन अनाज पैदावार की उम्मीद है, लेकिन 30 साल की किसानी में उन्हें पहली बार नहीं पता कि इसका करें क्या।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के मुताबिक, युद्ध के कारण यूक्रेन के भीतर 2.2 करोड़ टन अनाज फंसा है। गेहूं, मक्का और सूरजमुखी तेल निर्यात के कारण यूरोप की ब्रेड बास्केट कहलाने वाले यूक्रेन में इन दिनों भारी संकट है। यूक्रेनी अनाज एसोसिएशन के मुताबिक, रूसी हमले से पहले हर माह 60-70 लाख टन अनाज निर्यात होता था, जो जून में केवल 22 लाख टन रहा। इसके निर्यात का 30 फीसदी यूरोप, 30 फीसदी उत्तरी अफ्रीका और 40 फीसदी एशिया जाता था।
अब काला सागर में स्थित बंदरगाहों का रास्ता रूस ने रोक लिया है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के मुताबिक, युद्ध के कारण विकसित देशों में भी खाद्यान्न आपूर्ति प्रभावित होगी। 18 करोड़ से ज्यादा लोगों के सामने भुखमरी का संकट होगा। उधर, फंसल न बिकने के कारण यूक्रेन के किसान दिवालिया हो सकते हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रैसिप तैयब अर्दोगान का कहना है, वह संयुक्त राष्ट्र, यूक्रेन और रूस के बीच काला सागर से अनाज के सुरक्षित निर्यात का रास्ता निकालने में लगे हैं।