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लंदन, (आईएएनएस)| ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यूक्रेन में गोला-बारूद की कमी के कारण रूसी रिजर्विस्ट हाथ से हाथ की लड़ाई के लिए फावड़े (शवल) का इस्तेमाल कर रहे हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने अपने खुफिया अपडेट में कहा कि फरवरी के अंत में रिजर्विस्ट को केवल 'आग्नेयास्त्रों और फावड़ियों' से एक यूक्रेनी पोजीशन पर हमला करने का आदेश दिया गया था।
मंत्रालाय ने कहा कि इसमें 'एमपीएल-50' नाम से जाने जाने वाले फावड़े का जिक्र था। उपकरण 1869 में डिजाइन किया गया था और इसमें थोड़ा बदलाव किया गया था। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने कहा कि स्टैंडर्ड-इश्यू एमपीएल-50 एंट्रेंचिंग टूल की मारक क्षमता रूस में विशेष रूप से पौराणिक है।
आगे कहा गया है कि एक हथियार के रूप में फावड़े का निरंतर उपयोग क्रूर और कम तकनीक वाली लड़ाई को उजागर करता है जो कि युद्ध की विशेषता बन गया है।
अपडेट में कहा गया है कि कार्रवाई के लिए तैयार रिजर्विस्ट में से एक न तो शारीरिक रूप से और न ही मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार है। बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के साक्ष्य यूक्रेन में करीबी लड़ाई में बढ़ोतरी का सुझाव देते हैं।
इस बीच, इम्स्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर (आईएसडब्ल्यू) ने कहा कि प्रतीत होता है कि रूसी सेना ने घिरे शहर बखमुत में पर्याप्त स्थिति हासिल कर ली है।
रूस छोटे शहर पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रहा है, जहां लगभग 4,000 नागरिक रहते हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के महीनों में रूस के लिए शहर पर कब्जा करना एक दुर्लभ युद्धक्षेत्र की सफलता होगी, लेकिन शहर के रणनीतिक मूल्य पर सवाल उठाए गए हैं।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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