विश्व
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरफ से हाल ही में परमाणु हमले के प्रयोग की धमकी दी
Rounak Dey
9 Oct 2022 8:00 AM GMT

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पुतिन पर हार मानने का दबाव बढ़ सकता है और वह इसे मानेंगे इस बात के चांस बहुत ही कम हैं।
मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरफ से हाल ही में परमाणु हमले के प्रयोग और ऊर्जा आपूर्ति में कटौती की धमकी दी गई है। पुतिन की इस धमकी ने यूरोप और अमेरिका को डरा दिया है। साथ ही अब दोनों देश यह मान रहे हैं कि पुतिन का कोई भी कदम या फिर कोई भी ऐलान यूक्रेन की जीत को मुश्किल बना रहा है। वहीं उन्हें यह भी नहीं मालूम है कि अगर पुतिन यह जंग हार गए तो फिर क्या होगा? अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी हाल ही में कह चुके हैं कि पुतिन ने परमाणु हथियारों के प्रयोग की जो धमकी दी है, वह सिर्फ एक गीदड़ भभकी नहीं है। बाइडेन की मानें तो पुतिन के पास अब यूक्रेन पर आक्रमण के विकल्प बहुत कम बचे हैं और ऐसे में वह यह कदम उठा सकते हैं।
बाइडेन को भी है डर
बाइडेन ने अपने संबोधन में कहा, 'हम यह अनुमान लगाने की कोशिशें कर रहे हैं कि पुतिन आगे क्या कर सकते हैं और उनके पास और क्या रास्ते हैं?' अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक फंडरेजर कार्यक्रम में कहा, ' हम यह देख रहे हैं कि पुतिन खुद को इस स्थिति में कहां पाते हैं। क्या वह न सिर्फ अपनी प्रतिष्ठा खोते हैं बल्कि रूस में महत्वपूर्ण शक्ति खो देंगे?' फिलहाल पुतिन काफी शांत हैं। वह प्रभावी तरीके से यूक्रेन की जमीन पर कब्जे और बंटवारे पर बातचीत को आगे बढ़ा रहे हैं। वहीं अपने देश में चिंताओं के बाद भी उन्होंने 300,000 सैनिकों की तैनाती के आदेश दिए हैं।
मॉस्को में सेंटर फॉर पॉलिटिकल टेक्नोलॉजीज के उप-प्रमुख एलेक्सी मकार्किन ने कहा है कि पुतिन अब नई शर्तों के साथ सामने आ रहे हैं। अब किसी के पास कोई और विकल्प नहीं बचा है। एक और यूरोपियन अधिकारी की मानें तो पुतिन की स्थिति इस समय किनारे किए गए उस जानवर के जैसी ही है जो खुद को जाल में फंसने से बचाने के लिए और खतरनाक हो गया है।
हार नहीं मानेंगे पुतिन
दूसरी तरफ यूक्रेन की तरफ से पूरी ताकत से जवाब दिया जा रहा है। कुछ ही हफ्तों में उसने रूस के कब्जे वाली सीमा पर फिर से अपना नियंत्रण कर लिया है। अब अंदाजा लगाया जा रहा है कि यूक्रेन, रूस के पीछे धकेलने की मंशा के साथ आगे बढ़ रहा है। जैसे-जैसे यह युद्ध आगे बढ़ेगा हो सकता है कि रूस को और पीछे हटना पड़े। इसके बाद पुतिन पर हार मानने का दबाव बढ़ सकता है और वह इसे मानेंगे इस बात के चांस बहुत ही कम हैं।
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Rounak Dey
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