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6 दिसंबर को भारत दौरे पर आएंगे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, होंगे 10 समझौते, कांफिडेंशियल अग्रीमेंट भी शामिल

Renuka Sahu
4 Dec 2021 6:03 AM GMT
6 दिसंबर को भारत दौरे पर आएंगे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, होंगे 10 समझौते, कांफिडेंशियल अग्रीमेंट भी शामिल
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फाइल फोटो 

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने बताया है कि पुतिन और भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के बीच वार्ता के बाद दोनों देश कुछ सेमी-कांफिडेंशियल सहित 10 द्विपक्षीय समझौतों पर साइन करेंगे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने बताया है कि पुतिन और भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के बीच वार्ता के बाद दोनों देश कुछ सेमी-कांफिडेंशियल सहित 10 द्विपक्षीय समझौतों पर साइन करेंगे। रूसी समाचार एजेंसी टास से बात करते हुए उशाकोव ने बताया है कि करीब 10 द्विपक्षीय समझौतों पर साइन किए जाएंगे, जो काफी महत्वपूर्ण हैं और इनमें कुछ सेमी-कांफिडेंशियल भी हैं। उन पर अभी भी काम चल रहा है। हमें यकीन है कि यात्रा के दौरान समझौतों पर साइन किए जाएंगे।

उशाकोव ने समझौतों का नाम लेने से इनकार कर दिया क्योंकि उन्हें अभी भी अंतिम रूप दिया जा रहा था। हालांकि उन्होंने बताया कि अधिकतर समझौते विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। बता दें कि सालाना भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए 6 दिसंबर को पुतिन नई दिल्ली पहुंच रहे हैं। करीब 2 साल के बाद दोनों नेता आमने-सामने बैठेंगे। नवंबर 2019 में ब्रासीलिया में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी की यह पहली इन-पर्सन बैठक होगी।
पुतिन की यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों देशों के रक्षा और विदेश मामलों के मंत्रियों के बीच 6 दिसंबर को नई दिल्ली में कई बैठक होने हैं। दिन की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु, सैन्य-तकनीकी सहयोग पर इंटरगवर्नमेंटल कमीशन के सह-अध्यक्षों की बैठक से होगी।
21वां सालाना भारत-रूस शिखर सम्मेलन 6 दिसंबर की दोपहर को होगा जिसमें द्विपक्षीय संबंधों की संभावनाओं की समीक्षा की जाएगी। दोनों देश रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। बागची ने बताया है कि पुतिन और पीएम मोदी के पास आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर बातचीत करने का मौका होगा।
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