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दुनियाभर में कोरोना वायरस की तीसरी लहर के खतरे के बीच वैक्सीन और बूस्टर डोज राहत लेकर आ रही है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को घोषणा की कि उन्होंने कोरोना के खिलाफ स्पुतनिक लाइट वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवाई है।
दुनियाभर में कोरोना वायरस की तीसरी लहर के खतरे के बीच वैक्सीन और बूस्टर डोज राहत लेकर आ रही है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को घोषणा की कि उन्होंने कोरोना के खिलाफ स्पुतनिक लाइट वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवाई है।
रूसी समाचार एजेंसियों ने रविवार को कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कोविड-19 के खिलाफ स्पुतनिक लाइट का बूस्टर डोज लगाया गया है। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने गामालेया अनुसंधान केंद्र के उपनिदेशक डेनिस लोगुनोव के साथ एक बैठक में कहा, "आज आपकी और आपके सहयोगियों की सिफारिशों के आधार पर मुझे स्पुतनिक लाइट की एक और वैक्सीन बूस्टर शॉट मिली।"
राष्ट्रपति ने कहा कि वह तीसरे शॉट के बाद अच्छा महसूस कर रहे हैं। जवाब में लोगुनोव ने कहा कि टीकाकरण की प्रभावशीलता खुराक लेने के छह से आठ महीने बाद कम हो जाती है और लोगों को वायरस के खिलाफ उच्च स्तर की सुरक्षा बनाए रखने के लिए बूस्टर खुराक लेनी जरूरी है।
भारत में भी जल्द ही कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज को लेकर एक नीति का एलान हो सकता है। राष्ट्रीय टास्क फोर्स के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा है कि प्राथमिकता सबसे पहले वयस्क टीकाकरण कार्यक्रम को पूरा करने की होगी। टीकाकरण पर बना राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह नीतियों को अंतिम रूप देगा। हालांकि टीम के सदस्यों का कहना है कि फोकस इस बात पर रहेगा कि 31 दिसंबर तक सभी वयस्क लाभार्थियों को कम से कम पहली डोज लग जाए।
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