रूस और यूक्रेन के बीच पिछले दो महीनों से जारी तनाव अब कुछ कम होता दिख रहा है। रूस ने मंगलवार सुबह ही एलान किया है कि वह यूक्रेन की सीमा से अपनी कुछ टुकड़ियों को हटाएगा। हालांकि, पश्चिमी देशों ने अब तक रूस के इस एलान पर भरोसा न करते हुए सैनिकों को पीछे हटाने के सबूत मांगे हैं। इस बीच खुद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया है कि वह यूक्रेन संकट का हल शांति से चाहते हैं। लेकिन वे अमेरिका और नाटो की हरकतों पर आंखें बंद नहीं कर सकते।
मॉस्को में जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुतिन ने कहा, "हम साथ में काम करने के लिए तैयार हैं। हम समझौतों की तरफ जाने के लिए भी तैयार हैं। जाहिर है रूस युद्ध नहीं चाहता। लेकिन हम वॉशिंगटन और नाटो की हरकतों की तरफ आंख भी नहीं मूंद सकते, जो कि दूसरे देश के सुरक्षा सिद्धांतों की अपने हिसाब से व्याख्या कर रहे हैं। किसी भी देश को अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए दूसरों की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।"
जर्मन चांसलर शोल्ज और पुतिन के बीच यह बैठक ऐसे समय में आई है, जब अमेरिका ने रूस को धमकी दी है कि वह नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन पर प्रतिबंध लगाएगा। गौरतलब है कि नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन जर्मनी और रूस के बीच काफी अहम मानी जा रही है। इससे जहां जर्मनी की गैस और तेल की जरूरतें पूरी होंगी, वहीं रूस को इससे आर्थिक तौर पर फायदा होगा।