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लॉन्चिंग के दौरान फेल हुई रूसी नौसेना की मिसाइल, समुद्र में जा गिरी, देखें VIDEO

Gulabi
30 April 2021 11:27 AM GMT
लॉन्चिंग के दौरान फेल हुई रूसी नौसेना की मिसाइल, समुद्र में जा गिरी, देखें VIDEO
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अमेरिका से जारी सैन्य तनाव के बीच रूस की एक मिसाइल टेस्टिंग के दौरान फेल होकर समुद्र में गिर गई

मॉस्को: अमेरिका से जारी सैन्य तनाव के बीच रूस की एक मिसाइल टेस्टिंग के दौरान फेल होकर समुद्र में गिर गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि इस कैलिबर क्रूज मिसाइल को 1155 उडलोय क्लास के डिस्ट्रॉयर मार्शल शापोशनिकोव से लॉन्च किया गया था। वीडियो में मिसाइल लॉन्चिंग के तुरंत बाद ही बेकाबू होकर गोल-गोल घूमते हुए दिख रही है। जिसके बाद वह नीचे समुद्र में गिरकर नष्ट हो जाती है।

सोशल मीडिया पर लीक हुआ वीडियो

बताया जा रहा है कि यह सरकारी रिकॉर्डिंग है, जिसका एक पार्ट रूसी टेलिग्राम सोशल मीडिया नेटवर्क पर लीक हो गया। बाद में यह ट्विटर और यूट्यूब पर भी खूब वायरल हो रहा है। रूसी नौसेना का डिस्ट्रॉयर मार्शल शापोशनिकोव ओवरहाल होकर वापस लौटा है। जिसके बाद इसे दोबारा रूसी नौसेना ने पैसिफिक फ्लीट में शामिल किया गया था। इन दिनों इस डिस्ट्रॉयर का परीक्षण चल रहा है।

रूसी सेना के चैनल ने दिखाया था सफल लॉन्च
समुद्र में वापस आने के बाद अप्रैल के शुरुआत से ही इसमें लगाए गए वर्टिकल लॉन्च सिस्टम से कैलिबर मिसाइल का लाइव-फायर ड्रिल किया जा रहा था। 27 अप्रैल को रूसी रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक समाचार चैनल जवेजा पर एक सफल मिसाइल लॉन्च की फुटेज दिखाई गई थी। जिसके बाद दावा किया जा रहा है कि यह दोनों घटना एक ही हो सकती है।
जापान सागर में किया जा रहा टेस्ट
जजेवा की रिपोर्ट के अनुसार, यह मिसाइल टेस्ट जापान सागर में किया जा रहा है। इसमें प्रशांत महासागर में तैनात रूसी सेना की पूर्वी फ्लीट के कई जंगी जहाज शामिल हैं। जिसमें लाइव फायर ड्रिल, मिसाइल और बंदूक की फायरिंग शामिल हैं। इस कारण जापान और रूस में तनाव भी काफी बढ़ गया है। अमेरिकी नौसेना भी जापान के आसपास के इलाकों में अपने टोही विमानों के जरिए रूसी नौसेना की हरकतों पर नजर बनाए हुए है।

1984 में बनाया गया था यह युद्धपोत
साल 1984 में रूसी नौसेना की प्रोजेक्ट 1155 के रूप में उडलोय क्लास के एंटी सबमरीन वायफेयर डिस्ट्रॉयर मार्शल शापोशनिकोव को बनाया गया था। आज से चार साल पहले इस युद्धपोत को ओवरहाल के लिए व्लादिवोस्तोक लाया गया था। जिसके बाद इस जहाज को अपग्रेड कर इसमें वर्टिकल लॉन्च सिस्टम के अलावा, अतिरिक्त बंदूकें और यूरन सबसोनिक एंटी-शिप मिसाइलें तैनात की गईं। दावा किया गया कि इसके 20 फीसदी पुराने स्ट्रक्चर को ध्वस्त कर वहां नया निर्माण किया गया है।
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