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रूसी फंड चाह रहा बच्चों के लिए स्पुतनिक एम का पंजीकरण

Renuka Sahu
7 Dec 2021 1:16 AM GMT
रूसी फंड चाह रहा बच्चों के लिए स्पुतनिक एम का पंजीकरण
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फाइल फोटो 

रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष ने सोमवार को कहा कि उसने 12-17 साल की उम्र के किशोरों के लिए स्पुतनिक एम कोरोना वैक्सीन के पंजीकरण के लिए भारतीय नियामक के पास मंजूरी के लिए आवेदन किया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष ((Russian Direct Investment Fund, RDIF) ) ने सोमवार को कहा कि उसने 12-17 साल की उम्र के किशोरों के लिए स्पुतनिक एम कोरोना वैक्सीन के पंजीकरण के लिए भारतीय नियामक के पास मंजूरी के लिए आवेदन किया है। सावरेन वेल्थ फंड ने कहा कि रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 24 नवंबर 2021 को स्पुतनिक एम को पंजीकृत किया है। यह स्पुतनिक कोरोना वैक्सीन परिवार का एक नया सदस्य है। इसे स्पुतनिक वी और स्पुतनिक लाइट में शामिल होने वाले अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पेश किया गया है।

आरडीआइएफ ने एक बयान में कहा कि भारत के अधिकारियों के सकारात्मक निर्णय के अधीन, स्पुतनिक एम देश में किशोरों के लिए पहला पंजीकृत टीका बन सकता है। यह युवा आबादी की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। आरडीआइएफ के सीईओ किरिल दिमित्रीव ने कहा कि भारत में भागीदारों के साथ कई समझौतों ने आरडीआइएफ को हमारी उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने में मदद की है। हम हर्ड इम्यूनिटी के लिए किशोरों के लिए स्पुतनिक लाइट वैक्सीन और स्पुतनिक एम वैक्सीन की पेशकश करने के लिए तैयार हैं।
रूस ने पहले ही दावा किया था कि उसकी कोविड रोधी वैक्‍सीन स्‍पुतनिक लाइट (Sputnik Light) इंजेक्‍शन लगने के पहले तीन महीने में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 70 फीसद प्रभावी है। रूस के संप्रभु धन कोश (Russia's sovereign wealth fund) ने बुधवार को कहा कि सिंगल डोज वाली इस वैक्‍सीन के रूस का मुख्य टीका बनने की संभावना है। रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने कहा कि गैमेलिया सेंटर ने कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ स्पूतनिक लाइट टीके के प्रभाव को लेकर एक लेख मेडआरएक्सआईवी प्रीप्रिंट सर्वर फार हेल्थ साइंसेज को दिया है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कोविड रोधी वैक्‍सीन स्‍पुतनिक लाइट (Sputnik Light) को लेकर किया गया विश्लेषण 28 हजार प्रतिभागियों से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित था। इस सभी को स्पूतनिक लाइट वैक्‍सीन की एक खुराक दी गई थी। अध्‍ययन में इनकी तुलना वैक्‍सीन नहीं लगवाने वाले 56 लाख लोगों के समूह से की गई।
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