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भारत में निर्मित वैक्सीन की 1.9 मिलियन खुराक प्राप्त कर सकता है.
रूस (Russia) के राजनयिकों का एक समूह (A Group of Russian diplomats) और उनका परिवार गुरुवार को उत्तर कोरिया (North Korea) से, हाथ से खींची जाने वाली रेल ट्रॉली (Rail Trolley) से रूस वापस लौटा. बता दें कि कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के कारण दोनों देशों के बीच यातायात स्थगित है. यह जानकारी रूस के विदेश मंत्रालय ने फेसबुक पोस्ट (Facebook Post) में दी.
मंत्रालय ने कहा कि चूंकि सीमाएं एक साल से भी ज्यादा समय से बंद हैं और यात्री परिवहन स्थगित हैं इसलिए उत्तर कोरिया में रूसी दूतावास के कर्मचारी और परिवार के सदस्य अपने घर लौटने के लिए लंबी और कठिन यात्रा पर निकले. आठ लोगों के समूह ने 32 घंटे तक रेलगाड़ी से यात्रा की और फिर दो घंटे बस से. इसके बाद वे एक रेल ट्रॉली पर सवार हुए और रूस की सीमा में करीब एक किलोमीटर तक खुद ट्रॉली खींची.
फोटो में दिखे राजनायिक और उनके परिवार
मंत्रालय ने कई फोटो पोस्ट किए जिसमें दूतावास के कर्मचारी, उनके बच्चे और सूटकेस एक ट्रॉली पर नजर आ रहे हैं. वीडियो में दिखता है कि दो लोग एक रेलवे पुल के पास ट्रॉली को धक्का दे रहे हैं. रूस की 'इंटरफैक्स' संवाद समिति ने शुक्रवार की सुबह खबर दी कि समूह बाद में व्लादिवोस्टोक शहर से मॉस्को विमान से पहुंचा.
उत्तर कोरिया ने कोरोना वायरस से मुक्त होने का दावा किया है और इसने दूसरे देशों के साथ लगती सीमाओं को सील कर दिया और यातायात रोक दिया है. बता दें कि उत्तर कोरिया का पब्लिक हेल्थ सिस्टम जर्जर हालात में है.
उत्तर कोरिया ने किया 'जीरो' कोरोना मामलों का दावा
ऐसे में उसके लिए वैक्सीन प्राप्त करना बेहद जरूरी है. उत्तर कोरिया ने 'जीरो' कोरोना मामलों का दावा किया था. कई विशेषज्ञ इन दावों को लेकर संशय में हैं लेकिन माना जाता है कि एक साल से ज्यादा के कड़े लॉकडाउन के चलते उत्तर कोरिया महामारी के प्रकोप से काफी हद तक बच गया.
दुनिया के सभी देशों तक वैक्सीन की पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए बने अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य समूह COVAX ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि उत्तर कोरिया संभावित रूप से साल की पहली छमाही के दौरान भारत में निर्मित वैक्सीन की 1.9 मिलियन खुराक प्राप्त कर सकता है.
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