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रूसी एस्ट्रोनोट्स (Russia Cosmonauts) ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) के एक हिस्से में नई दरारों (Cracks) की खोज की है
रूसी एस्ट्रोनोट्स (Russia Cosmonauts) ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) के एक हिस्से में नई दरारों (Cracks) की खोज की है. एस्ट्रोनोट्स ने कहा कि उन्हें डर है कि ये आने वाले वक्त में खतरनाक हो सकता है. (NASA)
इन दरारों को जारया मॉड्यूल (Zarya module) में देखा गया है. ये ISS का पहला हिस्सा है, जिसे 1998 में रूस (Russia) द्वारा लॉन्च किया गया. देश के स्पेस अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि स्पेस स्टेशन पर मिली इस तरह दरारें आने वाले कुछ सालों में बढ़ सकती हैं. (NASA)
रॉकेट एंड स्पेस कॉरपोरेशन एनर्जिया के चीफ इंजीनियर व्लादिमीर सोलोविओव ने कहा, जारया मॉड्यूल में कुछ जगहों पर सतही दरारें पाई गई हैं. ये बुरा है और ये बताता है कि समय के साथ दरारें फैलनी शुरू हो जाएंगी. उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या दरारों के कारण हवा का रिसाव हुआ है. (NASA)
पिछले साल ISS के क्रू मेंबर्स ने कई हफ्तों तक एयरलीक को ढूंढने का प्रयास किया. आखिरकर उन्हें ज्वेज्डा नामक एक रूसी मॉड्यूल के भीतर इसका सोर्स मिला. NASA ने जोर देकर कहा कि एयरलीक से क्रू मेंबर्स को तत्काल कोई खतरा नहीं है. लेकिन इससे काम में थोड़ी सी बाधा पहुंची है. (NASA)
सोलोविओव ने कहा कि ISS के अधिकतर उपकरण पुराने होने लगे हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि 2025 तक टूटे हुए उपकरण की वजह से ISS पर 'एवलांच' आ सकता है. अप्रैल में डिप्टी प्रधानमंत्री युरी बोरिसोव ने कहा था कि मॉस्को ISS के अपने भागीदारों को इसे छोड़ने की चेतावनी देने का इरादा रखता है. उन्होंने कहा कि ISS की सर्विस लाइफ खत्म हो रही है. (NASA)
स्पेस स्टेशन में दरारों की जानकारी ऐसे समय पर मिली है, जब NASA ने रूस के उस दावे को खारिज किया था, जिसमें कहा गया था कि अमेरिकी एस्ट्रोनोट्स ने ISS में 2018 में ड्रिल किया था. ऐसा इसलिए किया गया था ताकि एस्ट्रोनोट्स को जल्द पृथ्वी पर वापस भेजा जा सके. (NASA)
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