विश्व
मारीपोल में लोगों के पनाहगाह बने स्कूल पर रूसी सेना ने की बमबारी
Gulabi Jagat
20 March 2022 5:10 PM GMT
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रूसी अंतरिक्ष यात्रियों ने सूट के रंग पर दी सफाई
लवीव, एपी। यूक्रेन के तटीय शहर मारीपोल में रूसी सेना ने उस आर्ट स्कूल पर बमबारी की, जहां 400 से ज्यादा लोग शरण लिए हुए थे। स्थानीय अधिकारियों ने रविवार को बताया कि स्कूल भवन पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है और हो सकता है कि उसके मलबे में लोग दबे हुए हों। रूसी सैनिक मारीपोल के भीतरी क्षेत्र में घुस गए हैं। भीषण लड़ाई के कारण एक प्रमुख इस्पात संयंत्र को बंद कर दिया गया है। स्थानीय अधिकारियों ने पश्चिमी देशों से और अधिक मदद की गुहार लगाई है। हजारों लोगों को मारीपोल से सुरक्षित निकालकर जपोरिजजिया पहुंचाया गया है।
रूसी सेना ने हाइपरसोनिक मिसाइल के फिर इस्तेमाल का किया दावा
इस बीच रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक और हाइपरसोनिक मिसाइल तथा क्रूज मिसाइलों से हमले का दावा किया है। मारीपोल रूसी सेना के लिए बड़ा युद्ध क्षेत्र बन चुका है। रूसी सेना इस प्रमुख शहर के बाहर तीन हफ्ते से डेरा डाली हुई है और इसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे बड़ा जमीनी हमला माना जा रहा है। मारीपोल के पुलिस अधिकारी माइकल वर्शनिन ने पश्चिमी नेताओं को संबोधित एक वीडियो में आसपास सड़क पर बिखरे मलबे को दिखाते हुए कहा, 'बच्चे व बुजुर्ग मर रहे हैं। शहर को नष्ट कर दिया गया है।'
मायकोलाइव में हुए एक राकेट हमले में 40 नौसैनिक मारे गए
द न्यूयार्क टाइम्स से यूक्रेन के एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों दक्षिणी शहर मायकोलाइव में हुए एक राकेट हमले से संबंधित जानकारी सामने आई है, जिसमें 40 नौसैनिक मारे गए थे। रूसी सेनाओं ने पहले ही मारीपोल का संपर्क अजोव सागर से काट दिया है। गृह मंत्री के सलाहकार वादिम देनिसेंको ने कहा कि यूक्रेन व रूस की सेना ने मारीपोल में अजोवस्टल लौह संयंत्र को लेकर लड़ाई लड़ी। इसके बाद संयंत्र को बंद कर दिया गया।
हजारों लोगों को जबरन रूस भेजा गया
मारीपोल नगर परिषद ने दावा किया कि रूसी सैनिकों ने शहर के हजारों निवासियों, ज्यादातर महिलाओं व बच्चों को जबरन रूस भेज दिया। इस बीच यूक्रेन के दस में से आठ मानवीय गलियारों से लोगों को निकालने का काम जारी है। उप प्रधानमंत्री इरिना वेरेसचुक ने बताया कि 6,623 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जिनमें 4,128 लोग मारीपोल से थे।
यूक्रेनी ईंधन और सैन्य डिपो हुआ नष्ट
माना जा रहा है कि जीत नहीं मिलने की स्थिति में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन महीनों तक यूक्रेन पर हमले जारी रख सकते हैं। यूक्रेन की सांस्कृतिक राजधानी लवीव में रहने वाले लोग भी युद्ध की लपटें महसूस करने लगे हैं। लोग रूसी सैनिकों का मुकाबला करने के लिए हथियार चलाने का प्रशिक्षण ले रहे हैं। दूसरी तरफ, रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेनकोव ने रविवार को एक और हाइपरसोनिक मिसाइल (किंजल) से मायकोलाइव के काला सागर बंदरगाह के पास स्थित यूक्रेनी ईंधन डिपो को नष्ट करने का दावा किया। उन्होंने कहा कि ईंधन डिपो पर कैस्पियन सागर से कैलिब्र नामक क्रूज मिसाइलें भी दागी गई थीं। इसके अलावा दक्षिण सागर से छोड़ी गई अन्य कैलिब्र मिसाइलों ने निजियान स्थित यूक्रेनी सैन्य वाहनों के मरम्मत करने वाले डिपो को भी नष्ट कर दिया।
रूसी अंतरिक्ष यात्रियों ने सूट के रंग पर दी सफाई
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आइएसएस) में शुक्रवार को नीले व पीले रंग के सूट पहनकर पहुंचने वाले रूसी अंतरिक्ष यात्रियों ने चर्चाओं पर विराम लगाते हुए शनिवार को कहा कि इन रंगों का यूक्रेनी झंडे से कोई लेनादेना नहीं है। अंतरिक्ष यात्री ओलेग आर्तेमेव ने टेलीग्राम संदेश में कहा कि लांच के छह माह पहले ही अंतरिक्ष यात्रियों ने अपने सूट के लिए पसंदीदा रंग चुन लिए थे। चूंकि तीनों अंतरिक्ष यात्री बौमान मास्को स्टेट टेक्निकल यूनिवर्सिटी से स्नातक हैं, इसलिए उन्होंने अपने शिक्षण संस्थान के रंगों को चुना।
पोलैंड में पहचान पत्र के लिए लाइन में लगे यूक्रेनी शरणार्थी
हजारों यूक्रेनी शरणार्थी पोलैंड की राजधानी वारसा में शनिवार को पोलिश पहचान पत्र (पेसेल) हासिल करने के लिए लाइन में लगे नजर आए। पहचान पत्र मिलने से शरणार्थियों को जीवनयापन शुरू करने में मदद मिलेगी। उन्हें काम करने, रहने, स्कूल जाने, चिकित्सा सुविधा व अन्य सामाजिक लाभ अगले 18 महीनों तक मिलने लगेंगे।
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