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युद्ध अपराधी पाए जाने पर मुकदमा चलाया जा सकता है और उन्हें दंडित किया जा सकता है।
यूक्रेन और रूस में युद्ध खत्म होने की जगह दिन भर दिन बढ़ता जा रहा है और आज 31वें दिन भी लड़ाई जारी है। रूस लगातार यूक्रेन के रिहायशी इलाके को निशाना बनाकर बमबारी कर रहा है। इस बीच यह खबर सामने आई है कि रूसी सेना यूक्रेन की स्वास्थ्य सुविधाओं को भी खत्म करने पर तुली है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 24 फरवरी से शुरू हुए इस युद्ध में रूस ने यूक्रेनी स्वास्थ्य सुविधाओं को निशाना बनाकर कुल 72 हमले किए हैं।
इन चीजों को बनाया निशाना
वैसे तो रूसी सेना के सामने जो भी आ रहा है वह उसे नस्तेनाबूद कर रही है। लेकिन जानकारी के अनुसार रूसी सेना जानकर यूक्रेनी स्वास्थ्य सुविधाओं पर हमला कर रही है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार अभी तक 72 हमले में जिन चीजों पर हमला किया गया उसमें 58 अस्पताल, 11 परिवहन, 16 कर्मचारी, 10 मरीज, आठ आपूर्ति और एक गोदाम शामिल है। बता दें कि इन हमलों के परिणामस्वरूप कुल 71 मौतें और 37 लोग घायल हुए हैं और इनमें डाक्टर और मरीज दोनों शामिल हैं।
जिनेवा संधि का हुआ उल्लंघन
बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध एक अंतरराष्ट्रीय सशस्त्र संघर्ष है जिसपर जिनेवा संधि (कन्वेंशन) लागू होती है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जिनेवा कन्वेंशन ने नागरिकों और सैन्य कर्मियों के मूल अधिकारों को निर्धारित किया था और घायलों और बीमारों के लिए सुरक्षा स्थापित करने का नियम बनाया गया था। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, 1954 में तत्कालीन सोवियत संघ द्वारा इसकी पुष्टि भी की गई थी। कन्वेंशन (Geneva Conventions) के अनुच्छेद 18 के तहत, नागरिक अस्पताल पर किसी भी परिस्थिति में हमले नहीं हो सकते हैं। और इस नियम के उल्लंघन की बात आने पर इसकी जांच अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय द्वारा की जा सकती है और युद्ध अपराधी पाए जाने पर मुकदमा चलाया जा सकता है और उन्हें दंडित किया जा सकता है।
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