रूसी सेना के यूक्रेन पर हमले के 34वें दिन रूस कुछ नरम दिखाई दिया है। उसने कहा है कि वह कीव और एक अन्य उत्तरी शहर चेर्निहीव के निकट अपनी सेना घटाएगा। रूस ने युद्ध की समाप्ति के लिए जारी वार्ता के किसी समझौते पर पहुंचने की संभावना के तहत मंगलवार को यह घोषणा की।
रूसी उप रक्षामंत्री एलेक्जेंडर फोमिन ने कहा कि मॉस्को ने मौलिक रूप से फैसला किया है कि दोनों यूक्रेनी शहरों के पास से सेना घटाई जाएगी ताकि वार्ता में भरोसा बहाल हो सके। यूक्रेन ने भी रूस के इस कदम का संज्ञान लिया है।
हालांकि, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वह रूसी दावे की पुष्टि नहीं कर सकता। दोनों देशों के बीच मंगलवार को तुर्की के शहर इस्तांबुल में तीन घंटे तक वार्ता हुई है लेकिन पहले की तरह इसकी जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की गई है।
सैनिक घटाने के कदम को सद्भाव बढ़ाने वाला बताया जा रहा है लेकिन माना जा रहा है कि रूस ने जानबूझकर यह फैसला किया है क्योंकि 34 दिन तक प्रयास के बाद भी यूक्रेनी सैनिकों के कड़े प्रतिरोध से उसकी सेनाएं आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। इससे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यूक्रेन पर जल्द कब्जा करने की योजना पर पानी फिर गया है।
भारत ने यूक्रेन को अबाध मानवीय मदद पहुंचाने का आह्वान किया
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत मौजूदा स्थिति पर बहुत चिंतित है, जो शत्रुता की शुरुआत के बाद से लगातार बिगड़ती जा रही है। हम यूक्रेन में सशस्त्र संघर्ष के क्षेत्रों में अबाध मानवीय पहुंच के अपने आह्वान को दोहराते हैं। तिरुमूर्ति ने कहा कि यूक्रेन में प्रभावित आबादी की मानवीय जरूरतों को पूरा करने की तत्काल आवश्यकता है।
यूएनएससी में बोला यूक्रेन
यूक्रेन ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि हम मांग करते हैं कि रूस संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव ES-11/2 "यूक्रेन के खिलाफ आक्रामकता के मानवीय परिणाम" के सभी प्रावधानों को तुरंत और बिना शर्त लागू करे ताकि जमीन पर मानवीय पीड़ा को कम किया जा सके। आगे कहा कि यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी पर संधि पर हस्ताक्षर 23 फरवरी 2022 तक सभी रूसी सशस्त्र इकाइयों के स्थानों पर वापस लेने के बाद ही संभव होगा।
रूस ने यूक्रेनी निर्यात बंद कर दिया
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि कम और मध्यम आय वाले देशों में खाद्य कीमतें आसमान छू रही हैं क्योंकि रूस ने यूक्रेनी निर्यात बंद कर दिया है। हम विशेष रूप से लेबनान, पाकिस्तान, यमन, मोरक्को और अन्य देशों के बारे में चिंतित हैं जो अपनी आबादी को खिलाने के लिए यूक्रेनी आयात पर बहुत अधिक निर्भर हैं।
अमेरिका बोला- रूस बना रहा मूर्ख
पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा कि क्रेमलिन के हालिया दावे से किसी को भी मूर्ख नहीं बनाया जाना चाहिए कि रूस अचानक कीव के पास सैन्य हमलों को कम कर देगा या रिपोर्ट करेगा और अपनी सभी सेनाओं को वापस ले लेगा। हमें लगता है कि कीव के आसपास से बहुत कम संख्या में रूसी सेनाएं निकली हैं।
पुतिन को लेकर मेरा बयान आक्रोश से प्रेरित : बाइडन
राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले सप्ताहांत रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर की गई विवादित टिप्पणी को यूक्रेन पर किए रूस के हमले का आक्रोश बताया। उन्होंने उस वक्त कहा था कि यह शख्स (पुतिन) सत्ता में नहीं रह सकता। इस पर बाइडन ने अब कहा है कि यह बयान रूस में सत्ता परिवर्तन के संबंध में अमेरिकी नीति में किसी भी बदलाव का संकेत नहीं है। हालांकि बाइडन ने अपने हालिया बयान के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया, जिसके संबंध में उनका प्रशासन पिछले कई दिनों से सफाई दे रहा है।