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इसमें दोनों देशों ने व्यापक रूप से रणनीतिक और सामरिक सहयोग का आह्वान किया है।
यूक्रेन (Ukraine) में जारी रूसी सैन्य अभियान के बीच अब खबर सामने आ रही है कि रूसी रक्षा मंत्रालय जल्द से जल्द उत्तर कोरिया (North Korea) से लाखों की संख्या में रॉकेट (Rocket) और गोले (Artillery shells) खरीदने की प्रक्रिया में है। अमेरिकी खुफिया विभाग ने इसकी जानकारी दी है।
एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर खुफिया विभाग की जुटाई गई जानकारी के बारे में बात करते हुए सोमवार को कहा, रूस ने इस बार हथियारों के लिए उत्तर कोरिया का रूख किया है जो यह दर्शाता है कि यूक्रेन में रूसी सेना को अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण आपूर्ति की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तर कोरिया से हथियार हासिल करेगा रूस
अमेरिकी खुफिया विभाग के इस अधिकारी ने कहा कि उन्हें फिलहाल इस बात की जानकारी नहीं है कि रूस उत्तर कोरिया से कितनी अधिक मात्रा में हथियारों की खरीददारी करेगा। मालूम हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) प्रशासन के द्वारा यह बताए जाने के बाद कि अगस्त के महीने में रूस ने यूक्रेन में जारी जंग के दौरान इस्तेमाल के लिए ईरान (Iran) से बड़ी संख्या में ड्रोन्स मंगवाया है, अब यह रिपोर्ट सामने आई है।
ईरान से भी मिल चुकी है मदद
हालांकि, अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी बताया था कि तेहरान (Tehran) से प्राप्त किए हुए ड्रोन के साथ रूस कई असफलताओं का सामना कर रहा है। अमेरिका (America) का यह भी मानना है कि रूस को पिछले महीने कई दफा मानव रहित हवाई वाहनों की एक श्रृंखला मुजाहिर-6 (Mohajer-6) और शहीद (Shahed) की आपूर्ति कराई गई है।
यूक्रेन में लड़ाई के लिए अमेरिका जिम्मेदार: उत्तर कोरिया
मालूम हो कि उत्तर कोरिया रूस पर लगाए गए अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के बीच उसके साथ अपने रिश्ते को मजजबूत बनाना चाहता है। उत्तर कोरिया का मानना है कि यूक्रेन में संकट के लिए अमेरिका खुद जिम्मेदार है। उसने रूस पर पश्चिमी देशों की प्रतिबंधात्मक नीति की भी आलोचना की है और यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान को सही ठहराया है क्योंकि उत्तर कोरिया का ऐसा कहना है कि रूसी सेना तो बस वहां खुद को बचाने की कोशिश में लगे हैं।
किम-पुतिन की दोस्ती
गौरतलब है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) के बीच हाल ही में पत्रों के आदान-प्रदान के जरिए बात हुई। इसमें दोनों देशों ने व्यापक रूप से रणनीतिक और सामरिक सहयोग का आह्वान किया है।
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