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दौरान स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संगठनों के माध्यम से अफगान लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की।
अफगानिस्तान संकट को लकेर रूस ने मंगलवार को चेतावनी दी है। रूस का कहना है कि अफगानिस्तान की उथल-पुथल ने समस्याओं को काफी बढ़ा दिया और इससे गैरकानूनी हथियारों का व्यापार काफी बढ़ सकता है।
रूस की सुरक्षा परिषद में उपसचिव अलेक्जेंडर वेनेडिक्टोव ने कहा, 'हम कहना चाहते हैं कि उस देश ने न सिर्फ क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए बल्कि हमारे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद गंभीर खतरे पैदा कर दिए हैं।' उन्होंने कहा कि इन खतरों में आतंकवाद, चरमपंथ, ड्रग्स की तस्करी, बड़े पैमाने पर विस्थापन और कट्टरता शामिल है।
वेनेडिक्टोव ने यह भी कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने कभी भी नाटो और अन्य संगठनों में अपने किसी भी सहयोगी को इतनी बड़ी सैन्य और तकनीकी सहायता प्रदान नहीं की, जितनी उसने अफगानिस्तान को दी। उन्होंने कहा कि इन सभी खतरों के बावजूद रूस की सुरक्षा परिषद और उसकी वैज्ञानिक परिषद का फोकस अफगानिस्तान की समस्या पर बना रहेगा।
जी-20 देशों के नेताओं ने मंगलवार को अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की। इसमें आतंकवाद रोधी प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने और विदेशी नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने पर भी बात की गई। इस दौरान भारत और अमेरिका सहित जी-20 देशों ने अफगानिस्तान पर जी-20 के शिखर सम्मेलन के दौरान स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संगठनों के माध्यम से अफगान लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की।
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