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लेकिन अमेरिका पहला देश है जिसके लिए यह प्रतिबंध लागू किया जा रहा है।
रूस-अमेरिका के बीच बिगड़े हुए रिश्ते अब व्यक्तिगत स्तर तक आ गए हैं। रूसी संसद 'क्रेमलिन' ने आदेश दिए हैं कि अमेरिकी दूतावास अपने काम में रूसी लोगों को काम पर रखना प्रतिबंधित करे। इसके तहत अमेरिकी दूतावास ने अपने कर्मचारी स्टाफ में 75 फीसदी तक कटौती करते हुए रूस के लोगों को काम पर रखना बंद कर दिया है। अमेरिकी दूतावास ने यहां अपनी कई सेवाएं भी सीमित कर दी हैं।
इस कटौती के बाद अमेरिकी दूतावास अब बहुत ही सीमित सेवाओं की पेशकश कर सकता है जिनमें जीवन-मृत्यु के वीजा आवेदनों पर विचार करना शामिल है। इसमें दो देशों के बीच रूसी कारोबारी और छात्रों आदि का आदान-प्रदान शामिल नहीं होगा क्योंकि वे वीजा हासिल नहीं कर सकेंगे। यहां तक कि अब अमेरिकी लोग अपने नवजात शिशुओं को पंजीकृत करने या अपने पासपोर्ट को नवीनीकृत करने में भी असमर्थ होंगे।
दूतावास ने अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है कि क्या इस आदेश के बाद नए अमेरिकी कर्मचारियों के साथ काउंसलर स्टाफ को मांसाहारी भोजन मिल सकेगा या नहीं। उसने यह भी नहीं बताया है कि स्थानीय लोगों द्वारा भरे जाने वाले पदों से संबंधित काम कैसे संभाले जाएंगे। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि स्थानीय कर्मचारियों का प्रतिबंध नियमों के अनुरूप है।
पुतिन ने पिछले माह किए थे हस्ताक्षर
राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने पिछले माह एक ऐसे आदेश पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें उन मित्र देशों की सूची बनाने को कहा गया जिनके मिशन पर रूस या तीसरे देश के नागरिकों को काम पर रखना प्रतिबंधित किया जा सकता है। सूची में ब्रिटेन, यूक्रेन, पोलैंड और कई यूरोपीय देश शामिल थे। लेकिन अमेरिका पहला देश है जिसके लिए यह प्रतिबंध लागू किया जा रहा है।
Neha Dani
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