विश्व

यूएन की आपात बैठक में रूस-यूक्रेन के पहले दौर की वार्ता बेनतीजा, भारत ने कहा- विवादों का बातचीत से हो समाधान

Renuka Sahu
1 March 2022 2:12 AM GMT
यूएन की आपात बैठक में रूस-यूक्रेन के पहले दौर की वार्ता बेनतीजा, भारत ने कहा- विवादों का बातचीत से हो समाधान
x

फाइल फोटो 

रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने और लगातार उसके आक्रमक तेवर को लेकर मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 193 सदस्यीय महासभा के विशेष आपात सत्र की एक बैठक का आयोजन हुआ.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने और लगातार उसके आक्रमक तेवर को लेकर मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 193 सदस्यीय महासभा के विशेष आपात सत्र की एक बैठक का आयोजन हुआ. यह अब तक की 11वीं आपात बैठक थी. इसमें इसमें 15 सदस्यीय परिषद की ओर से वोटिंग कराई गई. इस बैठक में यूक्रेन संकट पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की आपात बैठक बुलाई जाए या नहीं इसको लेकर वोटिंग हुई. 11 मतों से यह प्रस्ताव पारित हुआ, लेकिन भारत एक बार फिर मतदान प्रक्रिया से बाहर रहा. भारत के अलावा वोटिंग से एक बार फिर चीन और यूएई भी बाहर रहा. इस बैठक में चर्चा के दौरान UN में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कई महत्वपूर्ण बातें कहीं. वहीं इससे पहले रूस और यूक्रेन के बीच हुई बैठक बेनतीजा ही रही.

भारत ने पांच बड़ी बातें की हैं
चर्चा के दौरान UN में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने जो महत्वपूर्ण बातें कहीं उसने कई सदस्यों का ध्यान खींचा. वो बातें इस प्रकार रहीं.
1. हिंसा से नहीं कूटनीति से निकाला जाए समाधान
भारत ने इस मुद्दे पर एक बार फिर अपनी पुरानी बात दोहराते हुए कहा कि युद्ध से इस मसले को नहीं सुलझाया जा सकता. हिंसा इसका समाधान नहीं है, इस समस्या का समाधान कूटनीति से करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार का मानना है कि कूटनीति के रास्ते पर लौटने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.
2. अंतर्राष्ट्रीय कानून और देशों की संप्रभुता का सम्मान हो
तिरुमूर्ति ने किसी का भी पक्ष नहीं लिया और कहा कि हर अंतर्ऱाष्ट्रीय कानून और हर देश की संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए. इसमें किसी भी प्रकार से किसी देश की ओर से उल्लंघन नहीं करना चाहिए.
3. भारत की प्राथमिकता अपने नागरिकों को निकालना
उन्होंने रूस औऱ यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी बात कही. उन्होंने कहा कि भारत का प्राथमिकता अपने फंसे हुए नागरिकों को यूक्रेन से सुरक्षित बाहर निकालना है. उन्होंने यूक्रेन के सभी पड़ोसी देशों को धन्यवाद देते हुए कहा कि, हम उन सभी देशों का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने हमारे नागरिकों के लिए अपनी सीमाएं खोलीं और कर्मियों को सुविधाएं दीं.
4. यूक्रेन को मानवीय मदद भेजेगा भारत
तिरुमूर्ति ने भारत की ओऱ से यूक्रेन को मानवीय मदद देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि भारत यूक्रेन में मौजूदा हालत में मदद करना चाहता है, लेकिन यह मदद दवाई के रूप में होगी. वह यूक्रेन को दवाई और अन्य मानवीय मदद भेजेगा.
5. पड़ोसी देशों के नागरिकों को निकालेगा भारत
यही नहीं तिरुमूर्ति ने अपने भाषण में न सिर्फ भारत के लोगों बल्कि पड़ोसी मुल्कों के फंसे हुए नागरिकों को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि भारत अपने नागरिकों के साथ ही पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी यूक्रेन से निकालने में मदद करेगा.
बैठक में नहीं निकला कोई नतीजा
इससे पहले 28 फरवरी को यूक्रेन और रूस बातचीत के लिए टेबल पर आए. दोनों देशों के बीच 5 घंटे तक मीटिंग चली और ये फैसला हुआ कि युद्ध विराम को लेकर बातचीत जारी रहेगी, इसके अलावा कोई दूसरा समझौता नहीं हुआ. लेकिन मिली जानकारी के मुताबिक अभी हालात पटरी पर लौटते नहीं दिख रहे हैं. वार्ता के खत्म होने के तुरंत बाद ही रूस ने कीव औऱ खारकीव में हमला तेज कर दिए. मिली जानकारी के अनुसार अब ये दोनों देश मीटिंग में हुई बातों को अपने अपने सलाहकार के पास ले जाएंगे और दूसरे दौर उन बिंदुओं पर बातचीत करेंगे. बेलारूस में हुई वार्ता में रूसी प्रतिनिधिमंडल के चीफ व्लादिमीर मेडिंस्की ने कहा कि अब रूस-यूक्रेन की अगली बैठक बेलारूस-पोलैंड के बॉर्डर पर होगी.
Next Story