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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच जारी जंग को चार महीने से अधिक हो चुके हैं. अभी तक युद्ध विराम के हालात बनते नजर नहीं आ रहे हैं. शक्तिशाली रूस के सामने यूक्रेन डटा हुआ है. इस बीच यूक्रेन के बार-बार हमलों से परेशान होकर रूस ने ब्लैक सी में स्नैक द्वीप (Snake Island) को खाली कर दिया है.
गुरुवार को यूक्रेन के रक्षा अधिकारियों ने बताया कि रूसी सैनिकों ने कब्जे वाले यूक्रेनी द्वीप को छोड़ दिया है. युद्ध के बीच रूस द्वारा स्नैक द्वीप को खाली करना, उसके लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. रूस ने यहां मिसाइल तक स्थापित करने का प्रयास किया था. पिछले दो हफ्तों में यूक्रेनी सेना ने स्नेक आइलैंड पर कब्जा करने के लिए कई बार हमले किए थे.
यूक्रेनी सेना ने भी दावा किया है कि उसने ब्लैक सी के स्नेक आइलैंड को रूसी से खाली करा लिया है. रूस ने युद्ध की शुरुआत में ही इस द्वीप पर कब्जा जमा लिया था. स्नेक आइलैंड यूक्रेन का महत्वपूर्ण रणनीतिक सैन्य ठिकाना है. वहीं, रूस का दावा है कि उसने सद्भावना दिखाते हुए स्नेक आइलैंड पर से कब्जा छोड़ा है.
कहा जा रहा है कि यूक्रेन इस द्वीप पर पूरी तरह कब्जा कर लेगा तो काला सागर के रास्ते उसकी जमीन पर रूसी हमले की आशंका बेहद कम हो जाएगी. बता दें कि स्नैक द्वीप तब सुर्खियों में आया था जब रूस ने पहली बार फरवरी में इस पर कब्जा किया था.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, स्नेक आइलैंड यूक्रेन और रूस दोनों के लिए रणनीतिक तौर पर अहम माना जाता है. इसके जरिये ब्लैक सी तक पहुंचा जा सकता है जो व्यापार और हथियारों के आयात के लिए एक अहम मार्ग है. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की शुरुआत से ही स्नेक आइलैंड को बहुत महत्व की नजर से देखा गया है. इसके अलावा स्नेक आइलैंड का सिर्फ रणनीतिक महत्व नहीं है बल्कि काला सागर का ये हिस्सा हाइड्रोकार्बन संसाधनों से भी भरा हुआ है.
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