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हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल
रूस (Russia) ने एक हाइपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic missile) का पहली बार परमाणु पनडुब्बी (Nuclear submarine) से सफलतापूर्वक परीक्षण किया. सेना ने सोमवार को यह जानकारी दी. रूसी रक्षा मंत्रालय (Russian Defence Ministry) ने कहा कि जिरकॉन मिसाइल (Zircon missile) को सेवेरोडविंस्क पनडुब्बी (Severodvinsk submarine) से लॉन्च किया गया और बेरिंट सागर (Barents Sea) के तट पर स्थित एक नकली (मॉक) लक्ष्य को सटीक तरीके से निशाना बनाया. यह पहली बार है जब जिरकॉन मिसाइल का लॉन्च पनडुब्बी के जरिये किया गया.
इससे पहले, जुलाई में नौसेना के युद्धपोत (Navy frigate) से इसका कई बार परीक्षण किया गया था. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा है कि जिरकॉन ध्वनि की गति से नौ गुना तेज उड़ान भरने में सक्षम होगी और यह 1,000 किलोमीटर (620 मील) सीमा क्षेत्र में लक्ष्य को निशाना बना सकती है. पुतिन ने कहा कि इसकी तैनाती से रूसी सैन्य क्षमता (Russia Military Capibility) में काफी वृद्धि होगी. अधिकारियों ने कहा कि जिरकॉन के परीक्षण इस साल के अंत में पूरे होने हैं और इसे 2022 में रूसी नौसेना (Russian navy) में शामिल किया जाएगा.
2014 से सेना को आधुनिक बना रहा है रूस
Severodvinsk SSGN carried out a Tsirkon hypersonic missile test launch, first from submarine, but while in surface position. Hit against a test target at sea.#hyperhype pic.twitter.com/PCIiYno5Oh
— Dmitry Stefanovich (@KomissarWhipla) October 4, 2021
जिरकॉन मिसाइल का उद्देश्य रूसी क्रूजर (Russian cruisers), युद्धपोत और पनडुब्बियों को ताकत मुहैया कराना है. यह रूस में विकसित कई हाइपरसोनिक मिसाइलों में से एक है. क्रेमलिन (Kremlin) ने यूक्रेन (Ukraine) के क्रीमिया प्रायद्वीप (Crimean Peninsula) के रूस के 2014 के विलय के बाद देश के शस्त्रागार के आधुनिकीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. दरअसल, इसके बाद पश्चिम के मुल्कों के साथ तनाव बढ़ गया है. इसके अलावा, यूक्रेन से भी लंबे वक्त से तनाव चल रहा है. इस वजह से रूस ने अपनी पश्चिमी सीमा पर सैनिकों की मौजूदगी को बरकरार रखा है.
मिसाइलों को ट्रैक करना और रोकना होगा मुश्किल
वहीं, कुछ पश्चिमी विशेषज्ञों ने रूस की नई पीढ़ी के हथियारों के उन्नत होने पर सवाल उठाए हैं. हालांकि, उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है कि हाइपरसोनिक मिसाइलों की गति, गतिशीलता और ऊंचाई के संयोजन से उन्हें ट्रैक करना और रोकना मुश्किल हो सकता है. दरअसल, जुलाई में रूस ने अडवांस्ड एक-500 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली के फुटेज को जारी किया. लेकिन इसे जानबूझकर धुंधला कर दिया गया, ताकि इसे विस्तार से जांचना कठिन हो जाए.
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