न्यूक्लियर प्लांट पर हमला रोके रूस : यूक्रेन के विदेश मंत्री
यूक्रेन के विदेश मंत्री ने एक बयान जारी किया है. और कहा - न्यूक्लियर प्लांट पर हमला रोके रूस, ब्लास्ट हुआ तो चेर्नोबिल से 10 गुना बड़ा खतरा होगा।
रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच दुनिया की नजरें रूस के राष्ट्रपति पुतिन के अगले कदम पर टिकी हुई हैं, यानी युद्ध की नई तस्वीर क्या होगी, अब ये पुतिन ही तय करेंगे. अगर पुतिन युद्ध विराम की तरफ बढ़ते है तो शांति आएगी, लेकिन देखा जा रहा है कि पुतिन के तेवर बारूदी और कोहराम मचाने के हैं. इसी बीच फ्रांस के राष्ट्रपति से हुई बातचीत में पुतिन ने ऐलान कर दिया हैं कि अब आगे क्या करेंगे. फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने चेताया कि यूक्रेन अभी और बुरा देखेगा.
जंग के मैदान का अगर ट्रेलर ऐसा है तो पूरी तस्वीर कैसी होगी. खतरा बड़ा हैं क्योंकि ये युद्ध अब यूक्रेन और रूस के बीच नहीं हैं, अब ये युद्ध इतना विस्तार ले चुका है कि रूस बनाम पश्चिमी मुल्क हो चुका है. एक तरफ अकेले पुतिन खड़े हैं... लेकिन यूक्रेन से पुतिन की सेना को पीछे ढकेलने लिए दुनिया के ऐसे-ऐसे मुल्क खड़े हैं, जो एक्शन में आए तो जंग के मैदान की पूरी तस्वीर बदल जाएगी. यूक्रेन पर निशाना साधकर पुतिन एक साथ नाटो देशों को ललकार रहे हैं. यूक्रेन के समर्थन में अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो, समेत दुनिया के तमाम मुल्क हैं. इन सबके सामने पुतिन झुकने की जगह सबको झुकाने को तैयार नजर आ रहे हैं.
अमेरिका की तरफ से यूक्रेन पर हमले का बदला लेने का ऐलान हो चुका हैं. बाइडेन ने पुतिन को तानाशाह बताते हुए आने वाले दिनों में बुरे परिणाम की भविष्यवाणी कर दी है. जंग का निर्णय किसके पक्ष में आएगा, ये हथियारों से तय होता है. और इस फ्रंट पर पुतिन बहुत ताकतवर नजर आते है. और यूक्रेन बहुत कमजोर नजर आता है. हालांकि इस जंग को रूस बनाम यूक्रेन के चश्मे से नहीं देखा जा सकता है. रूस का मकसद बड़ा है, मैसेज बड़ा है और मंजिल बड़ी है क्योंकि पुतिन ने एस-400 का युद्ध रिहर्सल करके महायुद्ध की ओर इशारा कर दिया है.
बड़ी बात ये है कि जैसे-जैसे पुतिन की सेना यूक्रेन के अंदर दाखिल हो रही हैं, वैसे-वैसे एस-400 की तैनाती फॉरवर्ड लोकेशन पर की जा रही है. यानी रूस हवाई हमलों से खुद को महफूज करने का पूरा इंतजाम कर रहा है. दरअसल एस-400 ऐसा एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम हैं, जो जंग के हालात में आसानी से ट्रांस्पोर्ट किया जा सकता हैं. खूबी ये है कि सतह से हवा में मार करने वाले इस मिसाइल सिस्टम का तोड़ किसी दूसरे देश के पास नहीं है.
क्या है एस-400?
एस-400... एक मल्टीफंक्शन रडार, ऑटोनॉमस डिटेक्शन एंड टारगेटिंग सिस्टम, एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम, रॉकेट लॉन्चर से लैस है, यानी आसमान की तरफ से आ रहे सभी तरह के खतरों से अकेले निपटने में सक्षम है. ये जमीनी रक्षा के लिए तीन तरह की मिसाइल दागने की क्षमता रखती है. ये एयर डिफेंस सिस्टम 30 किमी.तक की ऊंचाई पर 400 किमी की सीमा के अंदर फाइटर प्लेन, UAV, बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइलों समेत सभी प्रकार के हवाई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है. ये प्रणाली 100 हवाई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है और उनमें से छह पर एक साथ निशाना लगा सकती है.
पुतिन का हथियार नंबर-1
रूस की महाविनाशक परमाणु पनडुब्बी बेलगोरोड तैयार है. यह पनडुब्बी किसी शहर को एक झटके में तबाह कर सकती है.
पुतिन का हथियार नंबर-2
एक द्वीप से दूसरे द्वीप तक मार करने वाली ताक़तवर मिसाइल सरमत, जिसके आगे मिसाइल रक्षा प्रणाली बेअसर है.
पुतिन का हथियार नंबर-3
हवा से मार करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल किंझल. जो कि आवाज से 10 गुना ज्यादा स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम है. इसके अलावा यह 2000 किलोमीटर तक परमाणु बम गिराने की ताकत रखती है.
पुतिन का हथियार नंबर-4
हाइपरसोनिक मिसाइल एवनगार्ड. जिसकी एक द्वीप से दूसरे द्वीप तक मार करने की क्षमता है. इसकी 25 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा रफ्तार है.
पुतिन का हथियार नंबर-5
R-36 रूसी इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल. यह दुनिया में सबसे शक्तिशाली मिसाइल में एक है. जिसकी 16 हजार किलोमीटर तक मार करने की क्षमता है.