उन्होंने कहा कि भारत में स्पुतनिक का प्रोडक्शन तीन फेज में होगा। सबसे पहले रूस से तैयार कुछ वैक्सीन भारत भेजी जाएगी, जिसकी आपूर्ति पहले ही शुरू हो चुकी है। दूसरे चरण में आरडीआईएफ बड़ी ताताद में वैक्सीन भारत भेजेगा। यह उपयोग के लिए तैयार होगी लेकिन इसे बोतलों में भारत में ही भरा जाएगा।
#WATCH | A flight from Russia carrying Remdesivir vials along with other medicines arrived in India today. pic.twitter.com/OBu0FB2drQ
— ANI (@ANI) May 25, 2021
तीसरे चरण में रूस भारतीय कंपनी को टेक्नोलॉजी का ट्रांसफर करेगी, जिसके बाद वहीं (भारत) इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा। तीनों चरणों को मिलाकर भारत को स्पुतनिक वैक्सीन की 85 करोड़ से ज्यादा डोज मिलेंगी।
Sputnik lite is undergoing through 3rd phase of clinical trials & we believe that it's supplies to India & production here because India is one of the leaders in the world in terms of the capacity of medicine production is a matter of shortest time: Russian Deputy Envoy to India pic.twitter.com/cOTkjO4QDg
— ANI (@ANI) May 25, 2021
बाला वेंकटेश वर्मा ने कहा है कि मौजूदा प्लान यह है कि फाइनली भारत में 85 करोड़ से ज्यादा स्पुतनिक वैक्सीन तैयार होंगी। यानी दुनिया में स्पुतनिक की 65-70 फीसदी डोज भारत में उत्पादित की हुई होंगी। वेंकटेश वर्मा ने ये भी कहा है कि सिंगल डोज वाली 'स्पुतनिक लाइट' के लिए भी रूस ने प्रस्ताव दिया है। भारत में अभी इसे मंजूरी मिलनी बाकी है।