रूस-यूक्रेन युद्ध के 112वें दिन रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन के बड़े हिस्से पर कब्जा करने का दावा करते हुए यूक्रेनी फौज को हथियार डालने के लिए कहा है। रूस ने कहा कि सेवेरोदोनेस्क में यूक्रेन के पास कुछ नहीं बचा है, उसे हथियार डालना ही होगा। लुहांस्क के गवर्नर ने कहा, यहां रूस को रोकना मुश्किल है। जबकि कीव ने नाटो देशों से मिसाइल रोधी प्रणालियां मांगी हैं।
सेवेरोदोनेस्क में यूक्रेनी अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर स्वीकार किया है कि रूसी सेना ने यूक्रेनी नियंत्रण वाला आखिरी पुल भी नष्ट कर नागरिकों को निकालने के सभी रास्ते काट दिए हैं। इसके बाद क्षेत्र में रूस का कब्जा तय है। उधर, लुहांस्क के गवर्नर ने भी कहा है कि मॉस्को की सेना ने शहर को तोपखाने से घेरना जारी रखा है और रूस ने सेवेरोदोनेस्क के केमिकल प्लांट में शरण लिए यूक्रेनी लड़ाकों को आत्मसमर्पण के लिए कहा है। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से और अधिक आधुनिक मिसाइल रोधी प्रणाली भेजने का आग्रह किया है।
नाटो के रक्षा मंत्री करेंगे यूक्रेन को हथियार आपूर्ति पर चर्चा
बुधवार को यहां शुरू हुई दो दिवसीय बैठक के दौरान नाटो देशों के रक्षा मंत्री यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति और स्वीडन व फिनलैंड की संगठन में शामिल होने की अर्जी पर विचार करेंगे। महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने यह जानकारी दी। नाटो नेताओं की पिछली बैठक दो सप्ताह से भी कम समय पहले मेड्रिड में हुई थी।
पूर्वी इलाके में रूस का मुकाबला करने के लिए यूक्रेन की पश्चिम से भारी हथियार देने की याचना के बाद यह बैठक बुलाई गई है। स्टोलटेनबर्ग ने कहा, संगठन के सदस्य यूक्रेन को जरूरत के मुताबिक, सैन्य उपकरण, भारी और लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।