भारत में रूस के नए राजदूत डेनिस एलिपोव का कहना है कि लद्दाख में जारी भारत चीन के बीच तनाव को लेकर रूस की तरफ से मध्यस्थता करने की कोई योजना नहीं है। रूसी की सरकारी न्यूज एजेंसी स्पूतनिक से एलिपोव ने कहा है कि अगर दोनों देशों की तरफ से ऐसी इच्छा व्यक्त की जाती है, तो रूस पूरी सावधानी के साथ इसपर विचार करेगा।
एलिपोव ने कहा है कि दोनों पक्ष अपने विवाद को द्विपक्षीय रूप से सुलझाने में सक्षम हैं। रूस इस संबंध में कोई हस्तक्षेप करने के बजाय उम्मीद करता है कि दोनों पक्ष राजनयिक तरीकों से विवाद को सुलझाएं।
पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर जारी सीमा विवाद को लेकर अबतक 14 दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि, दोनों देशों के बीच विवाद सुलझने को लेकर कोई सहमति नहीं बनी है, लेकिन दोनों देश सीमा पर शांति बनाए रखने के पक्ष में हैं।
अमेरिका की धमकी से एस 400 सौदे पर असर नहीं
रूस-भारत ने एस-400 की आपूर्ति के लिए करीब 40 हजार करोड़ के सौदे पर हस्ताक्षर किए। इस पर अमेरिका ने भारत को धमकी देते हुए इस सौदे से हटने के लिए कहा था। इस पर एलिपोव ने कहा कि अमेरिका की धमकी के बाद भी भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं है, क्योंकि यह भारत के हित का सौदा है।