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रूस को बदनाम करने का जरिया बनाया है. इसलिए रूस के पास पलटवार के अलावा कोई और चारा नहीं बचा था.
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को 3 महीने से ज्यादा बीत गए हैं लेकिन दोनों पक्षों में अब तक कोई भी झुकने को तैयार नहीं है. अब इस युद्ध का दूसरे क्षेत्रों में भी विस्तार होता जा रहा है. जिसमें एक तरफ रूस है और दूसरी ओर पश्चिमी देश हैं, जिनके बीच वार-पलटवार का खेल चल रहा है.
वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन से हटा रूस
पश्चिमी देशों ने रूस (Russia) पर दबाव बनाने के लिए 27 अप्रैल को हुई UN वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन (UNWTO) की बैठक में उसे मेंबरशिप से सस्पेंड कर दिया था. इसके बाद रूस ने पश्चिमी देशों पर पलटवार करते हुए अपने देश को UNWTO से हटाने का ऐलान कर दिया है. रूस के प्रधानमंत्री Mikhail Mishustin ने शुक्रवार को अपने देश को वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन से हटाने के फैसले पर हस्ताक्षर किए.
मंजूरी से पहले किया गया असर का आकलन
रूस (Russia) की ओर से यह प्रस्ताव उसके विदेश मंत्रालय ने तैयार किया था. इस प्रस्ताव को बनाने से पहले मंत्रालय ने सभी संबद्ध पक्षों से देश पर पड़ने वाले असर के बारे में चर्चा कर ली थी. उसके बाद प्रपोजल बनाकर पीएम के पास भेजा गया, जिन्होंने उसे मंजूर करते हुए मसौदे पर साइन कर दिए.
पश्चिमी देश रूस को बना रहे निशाना
प्रस्ताव पर पीएम के साइन होने के बाद रूस के विदेश मंत्रालय ने इस बारे में बयान जारी किया. जिसमें कहा गया कि पश्चिमी देश मिलकर UNWTO पर अपनी मोनोपॉली चला रहे हैं. वे इस वैश्विक पर्यटन संस्था को अपने निहित स्वार्थों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने UNWTO को अपनी राजनीति का मोहरा बनाते हुए रूस को बदनाम करने का जरिया बनाया है. इसलिए रूस के पास पलटवार के अलावा कोई और चारा नहीं बचा था.
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