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अफगानिस्तान से भाग रहे लोगों को शरण देने से किया इनकार
मॉस्को: रूस (Russia) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) से भाग रहे लोगों को शरण देने से साफ इनकार कर दिया है. रूस ने कहा है कि वह अपने देश में शरणार्थियों की आड़ में आतंकियों की एंट्री नहीं चाहता.
'शरणार्थियों की आड़ में आतंकी नहीं चाहते'
रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा, 'हम नहीं चाहते कि अफगानिस्तान (Afghanistan) के आतंकी शरणार्थियों की आड़ में हमारे देश में घुसें. हम ये सब पहले भी झेल चुके हैं. इसलिए अब हम पुरानी बातों को दोहराना नहीं चाहते. हम पश्चिमी देशों के अपने सहयोगियों के साथ अफगानिस्तान में स्थिरता के लिए काम करेंगे लेकिन वहां के लोगों को अपने देश में शरण नहीं दे सकते.'
व्लादीमीर पुतिन (Vladimir Putin) रविवार को यूनाइटेड रूस पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, 'बात केवल अफगानिस्तान की नहीं है. हम अफगानिस्तान या किसी भी जगह के मिलिटेंट को अपने देश में नहीं चाहते हैं.'
'पुराने हालात फिर नहीं दोहराना चाहते'
पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा, '1990 से 2000 के दशक वाले हालात फिर से नहीं दोहराना चाहते. असल में उस समय हम उत्तर काकेशस में लड़ रहे थे और शरणार्थियों की आड़ में काफी मिलिटेंट देश में घुस आए थे. जिन्होंने देश में काफी आतंक मचाया था. अब वैसा ही नजारा हम अफगानिस्तान (Afghanistan) में देख रहे हैं. हमारे देश में फिलहाल शांति है. शरणार्थियों को बसाकर हम इस शांति को खोना नहीं चाहते.'
'सीरिया को आतंक से बचाने के लिए एक्शन'
रूसी राष्ट्रपति पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा, 'हम सीरिया में क्यों कार्रवाई कर रहे हैं. हम नहीं चाहते कि सीरिया में भी अफगानिस्तान (Afghanistan) वाले हालात पैदा हो जाएं और वह आतंकियों की नर्सरी बन जाए.' उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस मसले पर विदेश मंत्रालय आगे भी कुशलता से निपटता रहेगा. उन्होंने संसद में सहयोग देने के लिए विपक्षी पार्टियों का आभार जताया.
मध्य एशियाई देशों में अफगानों को बसाने का विरोध
पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देश अफगान शरणार्थियों को मध्य एशियाई देशों में अस्थाई रूप से बसाने की कोशिश कर रहे हैं. इससे रूस की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी. उन्होंने कहा कि रूस और मध्य एशियाई सहयोगियों के बीच कोई वीजा प्रतिबंध नहीं है. ऐसे में एक बार इन देशों में घुसने के बाद शरणार्थियों की आड़ में कोई भी आतंकी रूस पहुंच सकता है.
बताते चलें कि अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान का कब्जा होने के बाद हजारों लोग देश छोड़ने के तरीके तलाश कर रहे हैं. सैकड़ों लोगों ने शरण पाने के लिए मध्य एशियाई देशों उज्बेकिस्तान और तजाकिस्तान का रुख किया है. इन दोनों देशों की सीमा अफगानिस्तान से लगती है और इनकी रूस के साथ वीजा फ्री आवागमन की संधि है.
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