यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ने वाला रूस अभी तक की लड़ाई में लगभग हर मोर्चे पर 19 साबित हुआ है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी इस बात का अंदाजा लग गया है कि लड़ाई में वो पीछे हो रहे हैं। ऐसे में उन्होंने शनिवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए देश के वायुसेना प्रमुख सर्गेई सुरोविकिन को यूक्रेन में लड़ रहे सभी सैनिकों का कमांडर बना दिया है।
सर्गेई की नियुक्ति के बाद से रूस ने एक बात तो साफ कर दिया है कि वो यूक्रेन के खिलाफ जंग तेज करने के साथ-साथ कुछ बड़ा करने के विचारों पर आगे बढ़ रहा है। रूसी मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, सुरोविकिन 55 साल के हैं। उनका जन्म साइबेरिया के नोवोसिबिर्स्क में हुआ है।
पिछले कुछ हफ्तों में यूक्रेन रूस के साथ जंग में बढ़त बनाता हुआ नजर आया है। यूक्रेन ने लाइमैन शहर समेत कई अन्य उन क्षेत्रों पर अपना कब्जा फिर से जमा लिया है जो हमले के बाद रूसी सेना के कब्जे में थे। लाइमैन यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खार्किव से 160 किलोमीटर (100 मील) दक्षिण पूर्व में है।
रूस-यूक्रेन जंग के बीच क्रीमिया से जोड़ने वाले पुल पर विस्फोट, लगी भीषण आग; देखें VIDEO
लाइमैन परिवहन का प्रमुख केंद्र भी है। रूस के लिए यह जमीनी रास्ते के जरिए संचार और रसद पहुंचाने का आसान रास्ता भी था। लाइमैन पर बढ़त बनाने के बाद यूक्रेनी सेना की नजर लुहान्सक पर है। फिलहाल यह क्षेत्र भी रूसी सेना के कब्जे में है लेकिन यूक्रेनी सेना का काउंटर अटैक जारी है।
यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस के लिए हालिया झटके
रूस को क्रीमिया प्रायद्वीप से जोड़ने वाले एक पुल पर शनिवार को विस्फोट होने के बाद आग लग गई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और पुल आंशिक रूप से ढह गया। क्रीमिया के जरिए ही रूस यूक्रेन के दक्षिणी हिस्से में युद्ध के लिए साजो-सामान भेजता है। क्रीमिया प्रायद्वीप की रूस समर्थित क्षेत्रीय संसद के अध्यक्ष ने इसके लिए यूक्रेन पर आरोप लगाया है, हालांकि रूस ने इसके लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है। यूक्रेनी अधिकारी समय-समय पर इस पुल पर हमला करने की धमकी देते रहे हैं और कुछ ने इस हमले की सराहना भी की है, लेकिन यूक्रेन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है।
सितंबर महीने की शुरुआत में यूक्रेन सेना पूर्वोत्तर के खार्किव में जबरदस्त काउंटर अटैक करते हुए रूसी सेना को पीछे धकेल दिया था। इसी के साथ यूक्रेन एक बार फिर हजारों वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर फिर से अपना कब्जा जमा लिया। इसके साथ-साथ रूसी सेना यूक्रेन के दक्षिणी खेरसॉन क्षेत्र के साथ-साथ पूर्व यूक्रेन में लाइमैन ट्रांसफोर्ट हब पर कब्जे से भी हाथ धो लिया है। इन असफलताओं की वजह से रूसी सेना के नेतृत्व और उसकी रणनीति पर सवाल उठने लगे थे।