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रूस: राष्ट्रपति पुतिन के विरोधी अलेक्सी नवालनी को यूरोपियन यूनियन से मिला सिर्फ जुबानी समर्थन
Deepa Sahu
26 Jan 2021 3:20 PM GMT
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रूस में राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के विरोधी नेता अलेक्सी नवालनी की गिरफ्तारी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: रूस में राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के विरोधी नेता अलेक्सी नवालनी की गिरफ्तारी के मामले में यूरोपीय देशों का समर्थन सिर्फ जुबानी बन कर रह गया है। सोमवार को इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए यूरोपियन यूनियन (ईयू) के विदेश मंत्रियों की हुई बैठक में रूस के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई का फैसला नहीं हुआ।
इसके पहले ईयू के सदस्य कई देशों ने मांग की थी कि रूस पर नए प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। लेकिन ईयू विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद ईयू क विदेश नीति संबंधी प्रमुख जोसेफ बॉरेल ने कहा- एजेंडे में ऐसा कोई ठोस प्रस्ताव नहीं था। बॉरेल ने यह जरूर कहा कि ईयू परिस्थितियों के मुताबिक प्रतिक्रिया दिखाने और उचित कदम उठाने के लिए तैयार है।
नवालनी को पिछले हफ्ते इलाज करवाकर जर्मनी से लौटते ही मास्को में गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें 2014 के एक मामले में मिली सजा को स्थगित कर विदेश जाने देने के लिए दी गई इजाजत की शर्तों का उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया। नवालनी को सजा धोखाधड़ी के एक मामले में सुनाई गई थी। लेकिन इस फैसले की यूरोपीय मानव अधिकार न्यायालय ने आलोचना की थी। नवालनी की हुई ताजा गिरफ्तारी के विरोध में पिछले शनिवार को हजारों लोग रूस के अलग-अलग शहरों में सड़कों पर उतरे। उस रोज लगभग तीन हजार लोगों को हिरासत में लिया गया था।
सोमवार को ईयू विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद बॉरेल ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी उतनी ही अफसोसनाक है, जितनी नवालनी की गिरफ्तारी। उन्होंने कहा- ईयू ने इसे पूरी तरह अस्वीकार्य माना है और लोगों को सामूहिक हिरासत में लेने और पुलिस क्रूरता की निंदा की है। ईयू ने रूस से कहा है कि वह नवालनी और उनके समर्थकों को फौरन रिहा कर दे।
लेकिन बॉरेल ने साफ किया कि अपने पहले के कार्यक्रम के मुताबिक वे फरवरी के आरंभ में रूस की यात्रा पर जाएंगे। ये यात्रा वे रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के आमंत्रण पर करेंगे। बॉरेल ने कहा- मैंने ईयू को रूस जाने के अपने इरादे के बारे में सूचित कर दिया है। यह रूसी नेताओं के साथ हर मुद्दे पर बातचीत का एक अच्छा अवसर होगा। इसमें वर्तमान स्थिति पर भी उन्हें स्पष्ट संदेश देना भी शामिल है। बॉरेल ने कहा कि उनकी मास्को यात्रा से मार्च में रूस के साथ संबंधों पर विचार के लिए ईयू के शासनाध्यक्षों की होने वाली बैठक की तैयारी करने में काफी मदद मिलेगी।
इस बैठक के बाद ईयू के कई राजनयिकों ने कहा कि अगर 15 फरवरी तक नवालनी को रिहा नहीं किया जाता है, तो रूस पर प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। लेकिन कुछ दूसरे राजनयिकों की राय है कि प्रतिबंध जैसा कदम उठाने के पहले मार्च में होने वाली ईयू शासनाध्यक्षों की बैठक तक इंतजार किया जाना चाहिए। सोमवार की बैठक में पोलैंड और लिथुआनिया ने रूस के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग की। लेकिन कुल मिलाकर संदेश यह गया है कि फिलहाल नवालनी के लिए ईयू समर्थन जुबानी ही बना रहेगा।
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