विश्व
हिंसक हमलों की तैयारी में रूस, नहीं थमेगा युद्ध, अपने सैनिकों को आर्मेनिया से यूक्रेन भेजेगा
Renuka Sahu
19 March 2022 4:29 AM GMT
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फाइल फोटो
रूस और यूक्रेन के बीच जंग और ज्यादा भीषण हो सकती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Russia Ukraine Crisis) और ज्यादा भीषण हो सकती है. रूस आर्मेनिया (Armenia) में तैनात अपने सैनिकों को भी यूक्रेन भेजने की योजना बना रहा है. इस बात की जानकारी कीव इंडीपेंडेंट ने यूक्रेन के सशस्त्र बलों (Ukrainian Armed Forces) के हवाले से दी है. यहां 102वें रूसी सैन्य बेस से कुछ यूनिट्स को ट्रांसफर किया जाएगा. रूस का मकसद यहां अपनी युद्धक क्षमताओं को अधिक मजबूत करना है. ऐसे में माना जा रहा है कि ये लड़ाई अभी थमने वाली नहीं है.
यूक्रेन के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ ने एक दिन पहले फेसबुक पर बताया, 'रूसी सैन्य आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन के लोग बहादुरी से प्रतिरोध कर रहे हैं, जिसका आज 23वां दिन है. व्यक्तिगत इकाइयों की युद्ध क्षमता को बहाल करने की लगातार कोशिश हो रही है. रूस के सैन्य नेतृत्व ने आर्मेनिया में 102वें रूसी सैन्य अड्डे से कुछ इकाइयों को यूक्रेन में ट्रांसफर करने की योजना बनाई है.' रूस ने 24 फरवरी को पहली बार यूक्रेन पर हमला किया था. जिसके बाद से इनकी लड़ाई हो रही है. दोनों ही देशों के बीच कई राउंड की बैठक हुई है लेकिन फिर भी शांति कायम नहीं हो पा रही है.
समझौते के करीब पहुंच गए हैं देश
इससे पहले यूक्रेन के अधिकारियों से वार्ता कर रहे रूसी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख ने कहा है कि यूक्रेन के तटस्थ दर्जे को लेकर दोनों पक्ष समझौते के करीब पहुंच गए हैं. यूक्रेन के साथ कई दौर की वार्ता करने वाले रूसी प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष व्लादिमीर मेदिंस्की ने शुक्रवार को कहा कि दोनों पक्ष यूक्रेन के नाटो में शामिल होने की कोशिश को छोड़ने और तटस्थ रुख अख्तियार करने को लेकर उत्पन्न मदभेदों को पाटने के करीब पहुंच रहे हैं.
रूस-यूक्रेन रुख एक दूसरे के करीब
मेदिंस्की की टिप्पणी को रूसी समाचार एजेंसियों ने इस प्रकार उद्धृत किया, 'तटस्थ दर्जा और यूक्रेन की नाटो की सदस्यता से दूरी वार्ता का मुख्य बिंदु है और इस मामले में दोनों पक्षों का रुख एक-दूसरे के करीब पहुंच रहा है.' उन्होंने कहा कि अब यूक्रेन के विसैन्यीकरण के लिए दोनों पक्षों ने 'करीब आधा रास्ता' तय कर लिया है. मेदिंस्की ने रेखांकित किया कि कीव जोर दे रहा है कि यूक्रेन के रूस-समर्थित पूर्वी अलगाववादी क्षेत्र को उसके अधीन लाया जाए, जबकि रूस का मानना है कि इलाके के लोगों को स्वयं अपनी किस्मत का फैसला करने की अनुमति दी जाए.
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