विश्व
रूस ने खेरसॉन से सभी नागरिकों को तुरंत निकालने का आदेश दिया, अलर्ट पर नाटो
Rounak Dey
23 Oct 2022 5:48 AM GMT

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यूक्रेन का दावा है कि इस दौरान शक्ति का इस्तेमाल किया गया और जमकर धांधली भी हुई।
कीव: रूसी अधिकारियों ने खेरसॉन में रहने वाले नागरिकों को तुरंत शहर छोड़ने के आदेश जारी किए हैं। अभी तक इन लोगों को निकालने का काम काफी धीमी गति से चल रहा था। रूसी अधिकारियों को डर है कि यूक्रेनी सेना कब्जे की जवाबी कार्रवाई के दौरान आम लोगों को निशाना बना सकती है। एक टेलीग्राम पोस्ट में रूस समर्थक खेरसान प्रशासन ने तनावपूर्ण स्थिति, गोलाबारी और आतंकवादी हमलों के खतरे का हवाला देते हुए लोगों को रूसी क्षेत्र में नीपर नदी के पार जाने का आदेश जारी किया है। वहीं, पश्चिमी देशों को आशंका है कि आम लोगों को निकालने के बाद यूक्रेनी सेना को सबक सिखाने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन परमाणु बम का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह बम कम क्षमता वाला होगा, जो सिर्फ उन्हीं क्षेत्रों को निशाना बनाएगा, जहां यूक्रेनी सेना की मजबूत स्थिति होगी। रूसी परमाणु बॉम्बर टीयू-160 और टीयू-95 पहले से ही यूक्रेनी सीमा पर बड़ी संख्या में मौजूद हैं। ये बॉम्बर एक बार की उड़ान में दुनिया में किसी भी जगह पर स्ट्रैटजिक न्यूक्लियर मिसाइलों को दाग सकते हैं।
खेरसॉन पर शुरू से ही रूस का है कब्जा
फरवरी में आक्रमण के शुरुआती दिनों से ही खेरसॉन पर रूस का कब्जा है। यह शहर खेरसान क्षेत्र की राजधानी भी है। पुतिन ने पिछले महीने इस क्षेत्र में जनमत संग्रह कराने का दावा कर इसे रूस का हिस्सा घोषित कर दिया था। खेरसान के क्रेमलिन समर्थित अधिकारियों ने पहले रूस के नियुक्त अधिकारियों और 60000 आम नागरिकों को क्षेत्र से बाहर निकालने की योजना की घोषणा की थी। स्थानीय अधिकारी वलोडिमिर साल्डो ने कहा कि यह एक संगठित और क्रमिक विस्थापन होगा। रूस इन लोगों को निकालकर अधिक सुरक्षा वाले दूसरे क्षेत्रों में ठहराने की व्यवस्था कर रहा है। इन लोगों को नौकरी, खाने-पीने के सामान, अस्पताल, आर्थिक सहायता सब रूसी सरकार उपलब्ध करवाएगी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि खेरसान के लोग अपना घर छोड़कर बाहर नहीं जाना चाहते हैं, लेकिन अधिकारी उन्हें मार्शल लॉ का हवाला देकर घर को जबरदस्ती छोड़ने का आदेश दे रहे हैं।
यूक्रेन ने स्थानीय लोगों से विरोध करने की अपील की
यूक्रेन ने स्थानीय निवासियों से उन्हें दूसरी जगह भेजने के प्रयासों का विरोध करने का आग्रह किया है। यूक्रेन का आरोप है कि मॉस्को आम यूक्रेनी नागरिकों को बंधक बनाना चाहता था और उन्हें मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करना चाहता है। इसलिए वह हमारे लोगों को अपने सुरक्षा क्षेत्र में लेकर जा रहा है। पुतिन ने बुधवार को खेरसॉन और दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन के तीन क्षेत्रों में मार्शल लॉ लगाने की एक डिक्री पर हस्ताक्षर किया था। वे पहले ही इन क्षेत्रों को रूस का हिस्सा घोषित कर चुके हैं। यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों ने पुतिन के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। वहीं, रूस का दावा है कि इन इलाकों को जनमत संग्रह करवाने के बाद शामिल किया गया है, जिसमें दुनियाभर के कई देशों ने अपने पर्यवेक्षक भी तैनात किए थे। इस जनमत संग्रह के दौरान लोगों ने बहुमत से खुद को रूसी क्षेत्र में शामिल होने की रजामंदी दी थी। हालांकि, यूक्रेन का दावा है कि इस दौरान शक्ति का इस्तेमाल किया गया और जमकर धांधली भी हुई।
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